Alert: अस्पताल में भर्ती किए गए 190 बच्चे, 20 वेंटिलेटर पर पहुंचे, इस बीमारी ने मचाया कोहराम

वहीं प्राइवेट अस्पतालों में भी हालात गंभीर हो रहे हैं। कानपुर के मेडिकल कॉलेज में बाल रोग अस्पताल विभाग में दिमागी बुखार से पीड़ित कई बच्चे सामने आए हैं, अब तक 20 बच्चों को वेंटिलेटर पर रखा गया है।

Alert: अस्पताल में भर्ती किए गए 190 बच्चे, 20 वेंटिलेटर पर पहुंचे, इस बीमारी ने मचाया कोहराम

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Modified Date: November 29, 2022 / 08:47 pm IST
Published Date: August 2, 2022 1:04 pm IST

190 children admitted to hospital: कानपुर। उत्तर प्रदेश के कानपुर में सैकड़ों की संख्या में बच्चे अचानक बीमार पड़ गए हैं। जिसके बाद से प्रशासन में हड़कंप मच गया है। कानपुर नगर में वायरल फीवर से इंसेफलाइटिस का खतरा बढ़ रहा है। दरअस, बदलते मौसम और वायरल फीवर लगातार बच्चों को चपेट में ले रहा है। सरकारी अस्पतालों में एक तरफ बुखार से पीड़ित बच्चों की संख्या बढ़ गयी है तो वहीं प्राइवेट अस्पतालों में भी हालात गंभीर हो रहे हैं। कानपुर के मेडिकल कॉलेज में बाल रोग अस्पताल विभाग में दिमागी बुखार से पीड़ित कई बच्चे सामने आए हैं, अब तक 20 बच्चों को वेंटिलेटर पर रखा गया है।

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कानपुर के जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज बाल रोग अस्पताल विभाग में दिमागी बुखार से पीड़ित बच्चों की संख्या लगातार बढ़ रही है, जिस तरह से वायरल के रूप में यह फीवर दिमागी बुखार में बदल रहा है, वह खतरनाक संकेत हैं, इसके लक्षण में बुखार के दौरान बच्चों को झटके पड़ना और उनके दिमाग में सूजन आना है। इतना ही नहीं, निमोनिया के भी मरीज लगातार बढ़ रहे हैं। यही कारण है कि बाल रोग इमरजेंसी के सभी बेड भर गए हैं और यहां 120 बेड वाले विभाग में 190 मरीज भर्ती हो चुके हैं।

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190 children admitted to hospital: अस्पताल के अधिकारियों की माने तो जिन मरीजों को कुछ झटके आ रहे हैं, उनकी ईईजी जांच कराई जा रही है, मस्तिष्क की झिल्ली में संक्रमण के कारण सूजन आने से दिक्कत बढ़ रही है। इसके अलावा यही संक्रमण मरीजों के फेफड़ों में पहुंच रहा है और यह वायरल संक्रमण निमोनिया बन रहा है। मेडिकल कॉलेज बाल रोग विभागाध्यक्ष का कहना है कि अगर बच्चों को सही समय पर इलाज मिल जाता है तो मरीज जल्दी ठीक होने लगता है और कई मरीज ऐसे हैं, जिनकी हालत में तेजी से सुधार हो रहा है।

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डॉक्टरों का यह भी कहना है कि ऐसे समय में जब वायरल संक्रमण तेजी से फैल रहा हो और गंभीर बीमारी बन रहा हो तो बच्चों को भीड़भाड़ वाले स्थान पर ना ले जाएं। साथ ही बच्चों को नंगे पैर ना घूमने दें, खुले में बिक रहे कटे-फटे फल व जंक फूड खाने में ना दें और बुखार आने पर तुरंत ही डॉक्टर को दिखाएं।


लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com