राज्यपाल के अभिभाषण से शुरू होगा 18वीं विधानसभा का बजट सत्र, सरकार को घेरेगा विपक्ष |

राज्यपाल के अभिभाषण से शुरू होगा 18वीं विधानसभा का बजट सत्र, सरकार को घेरेगा विपक्ष

राज्यपाल के अभिभाषण से शुरू होगा 18वीं विधानसभा का बजट सत्र, सरकार को घेरेगा विपक्ष

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:19 PM IST, Published Date : May 22, 2022/6:37 pm IST

लखनऊ, 22 मई (भाषा) उत्तर प्रदेश की 18वीं विधानसभा का पहला सत्र सोमवार को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के अभिभाषण से शुरू होगा। इस सत्र के हंगामेदार होने की संभावना है और समाजवादी पार्टी (सपा) की अगुवाई में पहले से अधिक मजबूत हुआ विपक्ष कानून-व्यवस्था और बढ़ती महंगाई समेत विभिन्न मुद्दों पर राज्य सरकार को घेरने की कोशिश करेगा।

विधानसभा के विशेष सचिव ब्रज भूषण दुबे ने बताया कि सोमवार को विधानसभा और विधान परिषद के समवेत सदन में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के अभिभाषण के साथ राज्य विधानमंडल के बजट सत्र की शुरुआत होगी। उन्होंने बताया कि यह राज्य की 18वीं वधानसभा का पहला सत्र होगा।

उन्होंने बताया कि वार्षिक बजट 2022-2023 आगामी 26 मई को सदन के पटल पर रखे जाने की संभावना है।

प्रदेश की 18वीं विधानसभा का यह पहला सत्र हंगामेदार होने की संभावना है क्योंकि महंगाई और कानून व्यवस्था समेत विभिन्न मुद्दों को लेकर पहले से ही सरकार पर हमलावर सपा और अन्य विपक्षी दल इन्हीं मुद्दों को लेकर सरकार को अब सदन में भी घेरने की पूरी कोशिश करेंगे।

सीसामऊ सीट से सपा विधायक हाजी इरफान सोलंकी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया ‘हम सरकार को सदन में घेरेंगे। मौजूदा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार पेट्रोल-डीजल से लेकर खाने-पीने की चीजों तक की महंगाई के लिए जिम्मेदार है। प्रदेश की कानून-व्यवस्था बदतर हो चुकी है। राज्य का स्वास्थ्य क्षेत्र बुरे दौर से गुजर रहा है और अस्पतालों में मरीजों के तीमारदारों से मारपीट की जा रही है। स्थिति बहुत गंभीर है। हम विधानसभा में इन सभी मुद्दों को उठाएंगे और सरकार से जवाब मांगेंगे।’

महराजगंज की फरेंदा सीट से कांग्रेस विधायक वीरेंद्र चौधरी ने कहा ‘प्रदेश के लोग बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी से बहुत परेशान हैं। ये ऐसे मुद्दे हैं जिन्हें हम सदन में उठाएंगे और सरकार से जवाब मांगेंगे।’

बहुजन समाज पार्टी के एकमात्र विधायक उमाशंकर सिंह ने कहा ‘मैं राज्य के लोगों की समस्याओं को उठाने की कोशिश करूंगा क्योंकि सरकार उनकी उपेक्षा कर रही है। महंगाई मुख्य समस्या है। इसके अलावा बिजली की कटौती भी एक प्रमुख परेशानी है। प्रदेश के गांवों में बहुत कम बिजली आ रही है। यहां तक कि राजधानी लखनऊ के वीआईपी क्षेत्रों में भी बिजली कटौती हो रही है।’

प्रदेश की 18वीं विधानसभा में भाजपा के 255 विधायक हैं। इसके अलावा उसके सहयोगी अपना दल (सोनेलाल) के 12 तथा निषाद पार्टी के छह सदस्य हैं।

दूसरी ओर, विपक्ष इस बार ज्यादा मजबूत हुआ है। मुख्य विपक्षी दल सपा के 111 विधायक हैं जबकि उसके सहयोगी राष्ट्रीय लोक दल के आठ तथा सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के छह विधायक हैं। कांग्रेस तथा जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के दो-दो तथा बहुजन समाज पार्टी का एक सदस्य है।

विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने विधानमंडल के बजट सत्र से पहले जोर देकर कहा कि पहले सत्र से ही सदन प्रदेश की जनता की आकांक्षाओं को पूरा करेगा।

भाषा सलीम रंजन

रंजन

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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