चालान समाधान नहीं, आदतन नियम तोड़ने वालों के लाइसेंस और वाहन जब्त की नीति लागू करें:योगी
चालान समाधान नहीं, आदतन नियम तोड़ने वालों के लाइसेंस और वाहन जब्त की नीति लागू करें:योगी
लखनऊ, 20 दिसंबर (भाषा) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को केवल चालान काटने को सड़क दुर्घटनाओं का स्थायी समाधान मानने से इनकार करते हुए कहा कि जो लोग आदतन यातायात नियमों का उल्लंघन करते हैं, उनके ‘ड्राइविंग लाइसेंस’ और वाहन जब्त करने की नीति अपनायी जाये।
उन्होंने यहां वरिष्ठ अधिकारियों, मंडलायुक्तों तथा जनपदों के जिलाधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में एक जनवरी से 31 जनवरी 2026 तक प्रदेशव्यापी “सड़क सुरक्षा माह” आयोजित करने का निर्देश देते हुए यह बात कही।
उन्होंने कहा कि नववर्ष की शुरुआत केवल औपचारिक आयोजनों से नहीं, बल्कि जनजीवन से सीधे जुड़े सड़क सुरक्षा जैसे अत्यंत संवेदनशील विषय पर ठोस संकल्प, व्यापक जनभागीदारी और व्यवहार परिवर्तन के लक्ष्य के साथ होनी चाहिए।
एक बयान के मुताबिक मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि सड़क सुरक्षा अभियान किसी भी स्थिति में औपचारिकता बनकर न रह जाए, बल्कि यह प्रत्येक नागरिक के जीवन से जुड़ा जनांदोलन बने।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि सड़क सुरक्षा माह को ‘4-ई’ मॉडल आधार पर संचालित किया जाए, जिसमें शिक्षा, प्रवर्तन, इंजीनियरिंग और ‘इमरजेंसी केयर’ चारों स्तंभों पर समान रूप से और समन्वित ढंग से कार्य किया जाए।
उन्होंने कहा कि लोगों को केवल नियमों की जानकारी देना पर्याप्त नहीं है, बल्कि यह समझाना आवश्यक है कि यातायात नियमों का पालन उनके स्वयं के जीवन, उनके परिवार और समाज की सुरक्षा से सीधे जुड़ा है।
योगी ने कहा कि शिक्षा के माध्यम से बच्चों, युवाओं और आम नागरिकों में सही सड़क व्यवहार विकसित किया जाए, प्रवर्तन के तहत नियमों का सख्ती से पालन सुनिश्चित हो, इंजीनियरिंग के माध्यम से सड़कों के ‘ब्लैक स्पॉट’ और ‘क्रिटिकल प्वाइंट’ सुधारे जाएं तथा ‘इमरजेंसी केयर’ के अंतर्गत त्वरित एम्बुलेंस सेवा और बेहतर ‘ट्रॉमा’ सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इन चारों स्तंभों पर संतुलित और एकसाथ काम किए बिना सड़क दुर्घटनाओं में वास्तविक कमी संभव नहीं है।
बैठक में मुख्यमंत्री को बताया गया कि 2025 में नवंबर तक राज्य में कुल 46,223 सड़क दुर्घटनाएं हुईं, जिनमें 24,776 लोगों की जान चली गयी।
योगी ने इन आंकड़ों को अत्यंत गंभीर बताते हुए कहा कि एक भी दुर्घटना में किसी व्यक्ति की मृत्यु पूरे परिवार को जीवन भर का दर्द दे जाती है और इस पीड़ा को वही परिवार समझ सकता है।
उन्होंने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए संवेदनशीलता के साथ-साथ कठोर निर्णय लेना भी आवश्यक है।
उन्होंने कहा कि किसी एक वास्तविक सड़क दुर्घटना के उदाहरण को सामने रखकर आमजन को यह समझाया जाए कि एक छोटी सी लापरवाही किस प्रकार पूरे जीवन की दिशा बदल देती है।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि इस अभियान में राष्ट्रीय सेवा योजना, राष्ट्रीय कैडेट कोर, आपदा मित्र, स्काउट गाइड और सिविल डिफेंस जैसे संगठनों की सक्रिय और प्रभावी भागीदारी सुनिश्चित की जाए।
योगी का कहना था कि किसी भी स्थिति में ‘अनफिट’ वाहन सड़क पर न चलें। इसके साथ ही 300 किलोमीटर से अधिक दूरी की यात्रा करने वाले बड़े यात्री वाहनों में एकल चालक की व्यवस्था समाप्त कर अनिवार्य रूप से दो चालकों की तैनाती सुनिश्चित करने के निर्देश दिए, ताकि चालक की थकान से होने वाली दुर्घटनाओं को रोका जा सके।
भाषा जफर राजकुमार
राजकुमार

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