कोडीन सिरप मामला : आरोपी बर्खास्त सिपाही के बंगले की भव्यता देखकर हैरान रह गए ईडी के अफसर

कोडीन सिरप मामला : आरोपी बर्खास्त सिपाही के बंगले की भव्यता देखकर हैरान रह गए ईडी के अफसर

कोडीन सिरप मामला : आरोपी बर्खास्त सिपाही के बंगले की भव्यता देखकर हैरान रह गए ईडी के अफसर
Modified Date: December 14, 2025 / 12:03 am IST
Published Date: December 14, 2025 12:03 am IST

लखनऊ, 13 दिसंबर (भाषा) कोडीन सिरप मामले में गिरफ्तार किए गए बर्खास्त सिपाही के बंगले पर छापेमारी के दौरान प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारी घर के अंदर की गई नक्काशी और उसकी भव्यता देखकर हैरान रह गए।

यूरोपीय शैली के शानदार इंटीरियर और घुमावदार सीढ़ियों से लेकर विंटेज लाइटिंग और विलासिता के बेशुमार साजोसामान तक, बर्खास्त सिपाही आलोक प्रताप सिंह के लखनऊ स्थित मकान में ऐशोआराम और भव्यता की तमाम चीजें मौजूद थीं।

मामले की जांच से जुड़े एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि कोडीन सिरप मामले में गिरफ्तार किए गए बर्खास्त सिपाही आलोक प्रताप सिंह का यह दो मंजिला बंगला लखनऊ-सुल्तानपुर राजमार्ग के पास अहिमामऊ में लगभग सात हजार वर्ग फुट इलाके में फैला हुआ है।

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अधिकारी ने बताया कि इस भव्य बंगले में सामने की तरफ ऊंचे खंभे हैं, वहीं, शानदार रेलिंग चौड़ी बालकनियों की शोभा बढ़ा रही हैं। उन्होंने बताया कि अंदर क्रीम रंग की दीवारों पर सजावटी काम उच्च कोटि की फिटिंग को और भी खास बनाता है।

उन्होंने बताया कि शुक्रवार को आवास से बरामद लग्जरी सामानों में प्राडा और गुच्ची के हैंडबैग, राडो और अन्य प्रीमियम घड़ियां तथा कई इलेक्ट्रॉनिक उपकरण शामिल हैं।

जांच से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने शनिवार को ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘शुरुआती आकलन से पता चलता है कि सिर्फ इंटीरियर पर डेढ़ से दो करोड़ रुपये खर्च किए गए थे। वहीं, जमीन को छोड़कर अकेले घर के निर्माण में लगभग पांच करोड़ रुपये का खर्च आया होगा। इसमें किये गए पूरे खर्च और इसमें शामिल किसी भी अवैध धन का पता लगाने के लिए सरकार द्वारा अनुमोदित एक मूल्यांकन नियुक्त किया गया है।’

सिंह को पहले भी दो बार सेवा से बर्खास्त किया जा चुका है। उसे उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने दो दिसंबर को उसके घर के पास से गिरफ्तार किया था। उसका नाम कोडीन सिरप रैकेट की जांच में एक अन्य आरोपी अमित कुमार सिंह उर्फ ​​अमित टाटा से पूछताछ के दौरान सामने आया था। वह फिलहाल लखनऊ जेल में बंद है।

पुलिस का आरोप है कि बर्खास्त सिपाही आलोक प्रताप सिंह उत्तर प्रदेश और झारखंड में थोक सिरप यूनिट चलाने वाले एक नेटवर्क का हिस्सा था और उसने चंदौली, गाजीपुर, जौनपुर और वाराणसी के युवाओं को अपने जाल में फंसाया। पुलिस का आरोप है कि इसके लिए उसने पुलिस और राजनीतिक हलकों में अपने संपर्कों का फायदा उठाया।

मूल रूप से चंदौली के रहने वाले सिंह को साल 2006 में कथित तौर पर लूटे गए चार किलोग्राम सोने के मामले में पहली बार गिरफ्तारी के बाद बर्खास्त कर दिया गया था। बाद में बरी होने पर उसे बहाल कर दिया गया। बाद में लगे अन्य आरोपों के कारण 2019 में उसे दूसरी बार बर्खास्त किया गया था।

इस मामले में कोडीन आधारित दवाओं का कारोबार करने वाले एक सिंडिकेट की जांच की जा रही है, जिन्हें कानूनी रूप से केवल किसी पंजीकृत डॉक्टर के पर्चे पर बेचा जाता है। इस मामले में भोला जायसवाल नामक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है जबकि उसके बेटे और मामले के मुख्य आरोपी शुभम जायसवाल के दुबई भाग जाने का शक है।

उत्तर प्रदेश सरकार ने पूरे राज्य में कोडीन आधारित कफ सिरप के अवैध भंडारण और वितरण की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है।

भाषा चंदन सलीम अमित

अमित


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