मथुरा, 17 जनवरी (भाषा) उत्तर प्रदेश में मथुरा जनपद के गांव चुरमुरा में ‘वाइल्ड लाइफ एसओएस’ नामक गैरसरकारी संस्था द्वारा स्थापित एशिया के अनूठे हाथी संरक्षण केंद्र में गत सप्ताह तकरीबन 25 वर्ष की एक ऐसी दुबली-पतली हथिनी पहुंची है जो उम्र में भले ही युवा हो, परंतु देखने में 70/80 वर्ष की लगती है।
न्यायालय के आदेश पर मध्य प्रदेश के छतरपुर से यहां लाई गई ‘लक्ष्मी’ नामक यह हथिनी गंभीर रूप से कुपोषित है और गठिया, लंगड़ेपन सहित कई बीमारियों की शिकार है। शायद इसीलिए वह देश की सबसे दुबली-पतली हथिनी के रूप में जानी जाती है।
हाथी संरक्षण केंद्र के निदेशक एवं पशु विशेषज्ञ डॉ. बैजूराज एमवी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘ कई प्रकार से दिव्यांग हथिनी लक्ष्मी को मध्य प्रदेश की एक अदालत के हस्तक्षेप पर वहां के वन विभाग द्वारा यहां लाया गया है।’’
ज्ञात हुआ है कि हथिनी का मालिक उसके साथ बहुत ही अन्याय करता था, उसे न केवल बिना भरपेट भोजन कराए सड़कों पर भीख मांगने के लिए घुमाया करता था, बल्कि उसके साथ दुर्व्यवहार भी किया करता था। तब, वहां के पशुप्रेमी एस जैन ने न्यायालय से गुहार लगाई और न्यायालय ने हथिनी को जब्त कर मालिक के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
मध्य प्रदेश के वन विभाग ने उत्तर प्रदेश के वन विभाग से संपर्क कर ‘लक्ष्मी’ को मथुरा के संरक्षण केंद्र भेजने का निर्णय लिया। वाइल्डलाइफ एसओएस की पशु चिकित्सा सेवाओं के उप-निदेशक डॉ. एस इलैयाराज के मुताबिक हथिनी की विकलांगता के लिए चिकित्सा उपचार के साथ निगरानी की आवश्यकता है। उसके कूल्हे पर दर्दनाक फोड़े की उपस्थिति और उसके कानों पर अंकुश के घाव साफ़ तौर पर क्रूरता और गंभीर दुर्व्यवहार का प्रमाण हैं।
भाषा सं मनीषा राजकुमार
राजकुमार