लखनऊ, 19 मई (भाषा) इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने सोमवार को आंबेडकर नगर के पूर्व विधायक पवन पांडेय को धोखाधड़ी के एक मामले में राहत देने से इनकार कर दिया।
अदालत ने पांडेय की याचिका को खारिज करते हुए कहा, ‘‘अभियोजन पक्ष को अधीनस्थ अदालत के समक्ष साक्ष्य प्रस्तुत करके अपना मामला साबित करने का अवसर दिए बगैर, इस स्तर पर आरोपों के गुण-दोष का विस्तृत मूल्यांकन इस अदालत द्वारा संक्षिप्त सुनवाई करके नहीं किया जा सकता है। ’’
न्यायमूर्ति सुभाष विद्यार्थी की पीठ ने पांडेय की याचिका को खारिज करते हुए फैसला सुनाया। याचिकाकर्ता ने धोखाधड़ी के संबंधित मामले में अपने खिलाफ आपराधिक कार्यवाही को रद्द करने का अनुरोध किया था।
अदालत को अवगत कराया गया कि शिकायतकर्ता एक विधवा है और उसके बेटे अजय सिंह की 23 अक्टूबर 2020 को मौत हो गई थी। इसके बाद पवन पांडेय के सहयोगी मुकेश तिवारी ने 25 अगस्त 2020 का फर्जी बिक्री समझौता दिखाकर शिकायतकर्ता महिला की करोड़ों की जमीन पर दावा किया।
अदालत को बताया गया कि तिवारी ने दावा किया कि वह बिक्री समझौता अजय सिंह ने किया था।
आरोप है कि जमीन को हड़पने की नीयत से नीतू सिंह नामक महिला को भी पेश किया गया जिसने दावा किया कि 23 अक्टूबर 2020 को शाम साढ़े चार बजे उसने शिकायतकर्ता महिला के बेटे अजय सिंह से आर्य समाज मंदिर में विवाह कर लिया है जबकि उसी दिन शाम साढ़े छह बजे अजय सिंह की मौत हो गई थी।
याचिका का विरोध करते हुए अपर महाधिवक्ता वीके शाही ने दलील दी कि मामले की जांच से पता चला है कि पवन पांडेय पूरे मामले का साजिशकर्ता है।
शाही ने कहा कि चूंकि इस स्तर पर संक्षिप्त सुनवाई करके नहीं किया जा सकता है लिहाजा पांडेय के खिलाफ वर्तमान आपराधिक कार्यवाही को रद्द नहीं किया जा सकता है।
पूरे रिकॉर्ड का अवलोकन करने के बाद पीठ ने पाया कि रिकॉर्ड के साथ जो बयान संलग्न किए गए हैं वे आवेदक पांडेय के खिलाफ मुकदमा चलाए जाने के लिए पर्याप्त हैं।
भाषा सं सलीम खारी
खारी
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