राजभर को गोली मारने की धमकी मामले में ‘करणी सेना’ के अज्ञात पदाधिकारी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज

राजभर को गोली मारने की धमकी मामले में ‘करणी सेना’ के अज्ञात पदाधिकारी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज

राजभर को गोली मारने की धमकी मामले में ‘करणी सेना’ के अज्ञात पदाधिकारी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज
Modified Date: July 15, 2025 / 12:26 pm IST
Published Date: July 15, 2025 12:26 pm IST

बलिया (उप्र), 15 जुलाई (भाषा) बलिया की शहर कोतवाली पुलिस ने राज्य के पंचायती राज मंत्री ओम प्रकाश राजभर को सोशल मीडिया के जरिए गोली मारने की धमकी देने के मामले में ‘करणी सेना’ के अज्ञात पदाधिकारी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। पुलिस ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के घटक दल सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के अध्यक्ष राजभर को धमकी देने के मामले का पुलिस ने स्वतः संज्ञान लिया है।

थाना प्रभारी योगेन्द्र बहादुर सिंह ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि पुलिस ने मामले का संज्ञान लेते हुए हेड कांस्टेबल पंकज पांडेय की तहरीर पर करणी सेना के अज्ञात पदाधिकारी के खिलाफ सोमवार रात्रि भारतीय न्याय संहिता की धारा 351(2) (आपराधिक धमकी) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।

 ⁠

उन्होंने बताया कि फेसबुक पर जन भावनाओं की भड़काने का प्रयास किया गया, जिसके मद्देनजर पुलिस ने मामले का स्वतः संज्ञान लिया है। उन्होंने बताया कि पुलिस मामले की छानबीन कर रही है।

इस बीच, करणी सेना के जिला अध्यक्ष कमलेश सिंह ने आरोप लगाया है कि पंचायती राज मंत्री राजभर ‘जेड प्लस’ सुरक्षा हासिल करने के लिए गलत आरोप लगा रहे हैं।

उन्होंने संवाददाताओं से बातचीत में जिला प्रशासन से मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है।

इसके पहले ओम प्रकाश राजभर के पुत्र एवं सुभासपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता अरुण राजभर ने सोमवार को सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा था कि पंचायती राज मंत्री ओम प्रकाश राजभर को फेसबुक के जरिए गोली मारने की धमकी दी जा रही है।

उन्होंने कहा, ‘‘करणी सेना बलिया के नाम के फेसबुक आईडी से सुभासपा प्रमुख एवं मंत्री ओम प्रकाश राजभर को गोली मारने की धमकी दी गई है। तत्काल ऐसे अराजकतत्व पर कार्यवाही करें।”

उन्होंने मंत्री को ‘जेड प्लस’ श्रेणी की सुरक्षा देने की मांग की है।

बलिया के पुलिस अधीक्षक (एसपी) ओमवीर सिंह ने सोमवार को ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया था कि मामले को गंभीरता से लेते हुए इसकी जांच साइबर प्रकोष्ठ को सौंपी गई है।

भाषा सं आनन्द

मनीषा खारी

खारी


लेखक के बारे में