गोरखपुर के तेल संयंत्र में लगी आग 12 घंटे बाद भी बेकाबू, लखनऊ-दिल्ली से पहुंचे विशेषज्ञ

गोरखपुर के तेल संयंत्र में लगी आग 12 घंटे बाद भी बेकाबू, लखनऊ-दिल्ली से पहुंचे विशेषज्ञ

गोरखपुर के तेल संयंत्र में लगी आग 12 घंटे बाद भी बेकाबू, लखनऊ-दिल्ली से पहुंचे विशेषज्ञ
Modified Date: November 21, 2025 / 06:07 pm IST
Published Date: November 21, 2025 6:07 pm IST

गोरखपुर (उप्र), 21 नवंबर (भाषा) गोरखपुर के एक तेल संयंत्र (चावल की भूसी से बनने वाला तेल जिसे ब्रान आयल भी कहते हैं) में शुक्रवार तड़के करीब चार बजे भीषण आग लग गई। पुलिस ने यह जानकारी देते हुए बताया कि संयंत्र में लगी आग 12 घंटे से अधिक समय बाद भी धधकती रही और ऊंची-ऊंची लपटों को देखा जा सकता था।

अधिकारियों ने बताया कि इस घटना में किसी के हताहत होने की अभी पुष्टि नहीं हुई है। आग लगभग 25,000 लीटर तेल वाले एक टैंक में लगी, जिससे आग बुझाने का काम बहुत मुश्किल हो गया।

उन्होंने बताया कि सुबह से दमकल की 25 गाड़ियों की लगातार कोशिशों के बावजूद, देर शाम तक आग पर काबू नहीं पाया जा सका।

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जिलाधिकारी, मंडलायुक्त, पुलिस महानिरीक्षक समेत वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे, जबकि लखनऊ से राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की एक टीम और दिल्ली से तकनीकी विशेषज्ञों की टीम को मौके पर भेजा गया।

मुख्य अग्निशमन अधिकारी संतोष कुमार के मुताबिक, एहतियात के तौर पर 500 मीटर के दायरे में सभी 600 छोटी और मध्यम फैक्टरियों को बंद करा दिया गया है। लोगों की पहुंच रोकने के लिए पूरे इलाके को सील कर दिया गया है।

उन्होंने कहा कि दमकल विभाग के कर्मचारियों को डर है कि अगर आग टैंक के अंदर तक पहुंच गई तो विस्फोट हो सकता है, इसलिए लगातार पानी डालकर उसे ठंडा करने का प्रयास किया जा रहा है।

अधिकारियों के मुताबिक, यह घटना गोरखपुर औद्योगिक विकास क्षेत्र (गीडा) के सेक्टर-15 में रूंगटा इंडस्ट्रीज लिमिटेड में हुई।

उन्होंने कहा कि आग भूमिगत ऑयल टैंक से जुड़ी आपूर्ति पाइपलाइन में लगी। जैसे ही आग की लपटें बढ़ीं, कर्मचारियों ने जगह खाली कर दी।

उन्होंने कहा कि दमकल विभाग की कई टीम ने स्थिति को संभालने के लिए चार खास इकाइयां बनाईं और घंटों से आग बुझाने की कोशिश कर रही हैं।

जिलाधिकारी दीपक मीणा ने कहा कि जलते हुए तेल से भारी मात्रा वाष्प निकल रही है, जिससे खतरा बढ़ रहा है।

टैंक लगाने वाली कंपनी को दिल्ली से बुलाया गया है ताकि आपूर्ति काटने के बिंदु का पता लगाया जा सके। विशेषज्ञों का कहना है कि आग तभी बुझ सकती है जब तेल की आपूर्ति काट दी जाए या तेल का पूरा भंडार जल जाए।

दमकल विभाग के लोग टैंक को ठंडा करने के लिए नौ घंटे से अधिक समय से पानी डाल रहे हैं।

धमाका रोकने और ‘वेट बफर जोन’ बनाने के लिए रेत भी लाई जा रही है। तीन एकड़ में फैला यह संयंत्र इंडेन और एचपी गैस एजेंसियों से घिरा हुआ है, जिससे हालात बिगड़ने पर आग बढ़ने की चिंता बढ़ गई है।

तकनीकी विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि टैंक के 50 मीटर के दायरे में नुकसान हो सकता है, इसलिए अधिकारियों ने 50 मीटर के अंदर लोगों के आने-जाने पर रोक लगा दी गई है।

इंडियन ऑयल और दूसरी कंपनियों के इंजीनियर मौके पर पहुंच गए हैं। जिलाधिकारी मीणा ने पुष्टि की है कि अभी तक किसी की जान नहीं गई है। मीणा ने कहा कि आग पर काबू पाने में पांच-छह घंटे का और समय लग सकता है।

भाषा सं जफर पवनेश संतोष

संतोष


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