लखनऊ, 17 मई (भाषा) इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि वह उत्तर प्रदेश के विभिन्न प्रबंधकीय कॉलेजों में 1993 से 1996 के बीच नियुक्त दर्जनों शिक्षकों के नियमितीकरण पर विचार करे।
न्यायमूर्ति श्री प्रकाश सिंह की पीठ ने क्षेत्रीय स्तर की समितियों (आरएलसी) द्वारा पारित आदेशों को रद्द करने के बाद यह फैसला सुनाया, जिन्होंने इन शिक्षकों की सेवाओं को नियमित करने से इनकार कर दिया था।
तीर्थराज सहित दर्जनों शिक्षकों ने क्षेत्रीय संयुक्त शिक्षा निदेशक की अध्यक्षता वाली आरएलसी के आदेशों को अदालत में चुनौती दी थी।
रिकॉर्ड पर मौजूद सामग्री पर विचार करने के बाद, पीठ ने आरएलसी के आदेशों पर आपत्ति जताते हुए कहा कि ‘ऐसा प्रतीत होता है कि इन्हें सरसरी तौर पर पारित किया गया है।’
यह कहते हुए कि याचिकाकर्ता दो दशकों से अधिक समय से काम कर रहे हैं, पीठ ने कहा, ‘राज्य को उन्हें सुनवाई का पूरा अवसर देने के बाद कानून के अनुसार उनके नियमितीकरण पर विचार करने के लिए एक कल्याणकारी राज्य के रूप में कार्य करना चाहिए।’
पीठ ने प्रासंगिक प्रावधानों को ध्यान में रखते हुए याचिकाकर्ताओं के नियमितीकरण के संबंध में नए आदेश पारित करने के लिए आरएलसी को तीन महीने का समय दिया है।
भाषा सं आनन्द संतोष
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