जौनपुर में धर्म के आधार पर महिला का इलाज करने से इनकार के मामले ने तूल पकड़ा
जौनपुर में धर्म के आधार पर महिला का इलाज करने से इनकार के मामले ने तूल पकड़ा
जौनपुर (उप्र), छह अक्टूबर (भाषा) उत्तर प्रदेश के जौनपुर में एक सरकारी अस्पताल में कथित तौर पर धर्म के आधार पर मुस्लिम महिला का इलाज नहीं किए जाने के मामले ने तूल पकड़ लिया है।
हालांकि जिला महिला चिकित्सालय के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक (सीएमएस) ने इस आरोप को खारिज कर दिया है। दूसरी तरफ इस प्रकरण को सामने लाने वाले दो स्थानीय पत्रकारों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है।
सीएमएस डॉ. महेंद्र गुप्ता के अनुसार, चंदवक थाना क्षेत्र के बीरीबारी गांव के अरमान शाह की पत्नी शमा परवीन को 30 सितंबर की रात लगभग 9:30 बजे प्रसव के लिए जिला महिला अस्पताल लाया गया था।
उन्होंने बताया कि उस रात डॉ. शिल्पी सिंह ड्यूटी पर थीं और उन्होंने महिला की जांच की थी और एक अक्टूबर की दोपहर वह महिला अस्पताल से चली गई।
उन्होंने कहा कि एक अक्टूबर को ही दोपहर में शमा का एक वीडियो स्थानीय स्तर पर सोशल मीडिया पर आया, जिसमें उसने आरोप लगाया कि वह जब अस्पताल में पहुंची तो चिकित्सक ने कहा कि वह मुस्लिम महिला का इलाज नहीं करेगी।
महिला के अनुसार चिकित्सक ने कहा कि “मैं डिलीवरी नहीं करूंगी।”
महिला के अनुसार चिकित्सक ने नर्स को उसे आपरेशन थियेटर में न लाने का निर्देश दिया और कहीं और ले जाने को कहा।
सीएमएस गुप्ता के अनुसार वीडियो जारी होने के बाद उस समय ड्यूटी पर मौजूद रहीं चिकित्सक से स्पष्टीकरण मांगा गया, जिसने धार्मिक आधार पर इलाज न करने की बात से इनकार किया है।
गुप्ता ने कहा कि इससे संबंधित सभी आरोपों की जांच हो गई है और इस प्रकरण से उच्चाधिकारियों को अवगत करा दिया गया है।
इस मामले का वीडियो प्रसारित करने वाले दो पत्रकारों मयंक श्रीवास्तव और मोहम्मद उस्मान के खिलाफ सीएमएस गुप्ता ने नगर कोतवाली में मामला दर्ज कराया गया है।
पत्रकारों पर जबरन ‘लेबर रूम’ में घुसकर वीडियो बनाने और तोड़फोड़ करने से संबंधित धाराएं लगाई गई हैं।
मछलीशहर से समाजवादी पार्टी की विधायक और पेशे से चिकित्सक डॉ. रागिनी सोनकर ने कहा कि चिकित्सक द्वारा जाति और धर्म पूछकर इलाज न करने का मामला शर्मनाक है।
उन्होंने कहा कि यह सब प्रदेश में फैलाये जा रहे धार्मिक उन्माद से उपजे साम्प्रदायिक तनाव की परिणीति है।
भाषा सं आनन्द जोहेब
जोहेब

Facebook



