लखनऊ एसीपी की अदालत ने सपा नेता सुमैय्या राना को शांतिभंग की आशंका के चलते तलब किया
लखनऊ एसीपी की अदालत ने सपा नेता सुमैय्या राना को शांतिभंग की आशंका के चलते तलब किया
लखनऊ, 21 दिसंबर (भाषा) उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के पुलिस आयुक्तालय (कमिश्नरेट) ने मशहूर शायर मुनव्वर राना की बेटी और समाजवादी पार्टी की नेता सुमैय्या राना को शांतिभंग की आशंका के चलते नोटिस भेजकर सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) की अदालत में सोमवार को पेश होने का आदेश दिया है।
कैसरबाग के सहायक पुलिस आयुक्त/कार्यपालक मजिस्ट्रेट की ओर से भेजे गए आदेश में कहा गया है कि राना ख़ुद या उनके अधिवक्ता सोमवार को उनकी अदालत में उपस्थित होकर बतायें कि एक वर्ष तक शांति बनाये रखने के लिए पांच लाख रुपये का व्यक्तिगत मुचलका बंधपत्र तथा उतनी ही धनराशि की दो प्रतिभूति क्यों न ली जाए।
पुलिस के अनुसार कैसरबाग थाने की उपनिरीक्षक सीमा यादव की रिपोर्ट पर राना को यह नोटिस भेजा गया। राना ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के एक महिला चिकित्सक के नकाब हटाने और उनके समर्थन में उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री संजय निषाद के कथित अपमानजनक बयान को लेकर विधानसभा और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के आवास के घेराव का आह्वान किया।
नोटिस में इसको लेकर शांतिभंग की आशंका जताई गई है। इसमें विशिष्ट व्यक्तियों की सुरक्षा को खतरा और मौजूदा विधानमंडल सत्र में व्यवधान का भी अंदेशा जताया गया है।
राना ने बताया कि पुलिस ने उन्हें नजरबंद कर लिया । हालांकि पुलिस ने इससे इनकार किया था।
राना ने नीतीश कुमार और संजय निषाद के विरोध में प्रदर्शन करने का ऐलान किया था ।
नीतीश कुमार द्वारा नियुक्ति पत्र वितरण के दौरान नव नियुक्त मुस्लिम महिला चिकित्सक का नकाब हटाये जाने और उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री डॉ. संजय निषाद की कथित आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर राना ने 16 दिसंबर को लखनऊ के कैसरबाग थाने में तहरीर देकर प्राथमिकी दर्ज कराने की मांग भी की थी।
राना ने शुक्रवार को ‘पीटीआई-भाषा’ से फोन पर कहा, ‘‘मैं कल से नजरबंद हूं। कैसरबाग पुलिस प्राथमिकी दर्ज नहीं कर रही है।’’
सपा नेता ने कहा, ‘‘चूंकि मैं भी उसी समाज से हूं और नक़ाब पहनती हूं, इसलिए मुझे इसकी पीड़ा है।’’
उन्होंने कहा था कि अब वह पुलिस आयुक्त के समक्ष अपनी शिकायत दर्ज कराएंगी।
राना ने पुलिस आयुक्त को दी जाने वाली तहरीर भी ‘पीटीआई-भाषा’ से साझा की, जिसमें आरोप लगाया है कि पटना में आयुष चिकित्सकों के नियुक्ति पत्र वितरण के दौरान नीतीश कुमार ने डॉ. नुसरत परवीन नामक मुस्लिम महिला चिकित्सक का सार्वजनिक रूप से नकाब हटाकर अपमान किया।
तहरीर में यह भी आरोप लगाया गया है कि इस घटना से धार्मिक उन्माद फैलाने और राजनीतिक लाभ लेने का प्रयास किया गया।
शिकायत में इस घटना पर संजय निषाद द्वारा दिए गए कथित अपमानजनक बयान को भी समस्त मुस्लिम समाज के अपमान का कुत्सित प्रयास बताया गया है।
‘पीटीआई-भाषा’ ने सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) रत्नेश सिंह से इस बारे में पूछा तो उन्होंने राना को नजरबंद किए जाने से इनकार किया था।
भाषा आनन्द
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राजकुमार
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