B.Ed College Affiliation Cancel: 60 से अधिक B.Ed कॉलेजों की मान्यता रद्द, एडमिशन से पहले देख लें लिस्ट नहीं तो पछताना पड़ेगा साल भर
B.Ed College Affiliation Cancel: 60 से अधिक B.Ed कॉलेजों की मान्यता रद्द, एडमिशन से पहले देख लें लिस्ट नहीं तो पछताना पड़ेगा साल भर
B.Ed College Affiliation Cancel: 60 से अधिक B.Ed कॉलेजों की मान्यता रद्द / Image Source: MEIR Website
- 60 से अधिक B.Ed कॉलेजों की मान्यता रद्द
- देशभर के 2200 से अधिक कॉलेजों की मान्यता खत्म
- सत्र 2025-26 में इन कॉलेजों में एडमिशन नहीं होगा
लखनऊ: B.Ed College Affiliation Cancel: 15 जून से शिक्षण सत्र 2025-26 की शुरुआत हो चुकी है और बच्चे स्कूलों की ओर लौट गए हैं। वहीं, कॉलेजों में भी एडमिशन का कार्य शुरू हो चुका है। लेकिन इस बीच उत्तर प्रदेश से छात्रों को अलर्ट करने वाली खबर सामने आई है। दरअसल एनसीटीई यानि नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन ने डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय से मान्यता प्राप्त पांच दर्जन से अधिक बीएड कॉलेजों की मान्यता रद्द कर दी है। साथ ही साथ दो बीपीएड और एक एमएड कॉलेज पर भी कार्रवाई की गई है। अब इन कॉलेजों में छात्रों का एडमिशन नहीं होगा।
B.Ed College Affiliation Cancel: मिली जानकारी के अनुसार हाल ही में नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन ने देशभर के बीएड कॉलेजों की एक सूची जारी की थी, जिसमें 2200 कॉलेज शामिल थे। इस सूची में ऐसे कॉलेजों के नाम को शामिल किया गया था जिनकी गुणवत्ता खराब है। आदेश के अनुसार, इन कॉलेजों में सत्र 2025-26 से अग्रिम आदेश तक कोई प्रवेश नहीं होगा। विवि के जिन 70 कॉलेजों की मान्यता रद्द की गई है, उनमें 67 केवल बीएड संचालित करते हैं, जबकि शेष तीन में एमएड और बीपीएड पाठ्यक्रम भी संचालित थे।
बता दें कि एनसीटीई ने देशभर के कॉलेजों की गुणवत्ता जांचने के लिए परफॉर्मेंस अप्रेजल रिपोर्ट (पार) की प्रक्रिया शुरू की थी। इसके तहत कॉलेजों से सत्र 2021-22 और 2022-23 की रिपोर्ट मांगी गई थी। कई बार समय देने के बावजूद जब कॉलेजों ने रिपोर्ट जमा नहीं की, तो उन्हें एनसीटीई एक्ट 1993 की धारा 17(1) के अंतर्गत कारण बताओ नोटिस जारी किए गए। फिर भी जवाब न मिलने पर 2200 से अधिक कॉलेजों की मान्यता रद्द कर दी गई। शेष के खिलाफ जांच जारी है।
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के लागू होने के बाद एनसीटीई ने डमी शिक्षण संस्थानों, फर्जी शिक्षक और छात्रों की पहचान के लिए ‘पार’ रिपोर्ट लागू की। इस प्रक्रिया में कई ऐसे कॉलेजों की शिकायतें मिलीं जहां न तो पर्याप्त इंफ्रास्ट्रक्चर था, न ही योग्य शिक्षक। कुछ कॉलेजों में केवल छात्रों का नामांकन दिखाकर मान्यता बनाए रखी जा रही थी। ऐसे संस्थानों पर भी कार्रवाई शुरू हो गई है और भविष्य में और कॉलेज जांच के दायरे में आ सकते हैं।

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