मंत्री पद ज्यादा महत्व नहीं रखता : ओम प्रकाश राजभर |

मंत्री पद ज्यादा महत्व नहीं रखता : ओम प्रकाश राजभर

मंत्री पद ज्यादा महत्व नहीं रखता : ओम प्रकाश राजभर

:   Modified Date:  November 24, 2023 / 11:19 PM IST, Published Date : November 24, 2023/11:19 pm IST

भदोही (उप्र), 24 नवंबर (भाषा) उत्तर प्रदेश मंत्रिपरिषद में शामिल किए जाने की अटकलों के बीच सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) प्रमुख ओम प्रकाश राजभर ने शुक्रवार को कहा कि उनके लिए ‘‘मंत्री पद ज्यादा महत्व नहीं रखता।’’

भदोही में पत्रकारों ने जब उनसे पूछा कि अगर उन्हें मंत्री पद नहीं दिया गया तो क्या वह राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के साथ बने रहेंगे, इस पर राजभर ने कहा, ‘‘याद रखें जब मैं सपा (समाजवादी पार्टी) के साथ था, तो मैंने कहा था कि भले ही हमें एक भी सीट नहीं मिले, लेकिन हम सपा के साथ रहेंगे।’’

दस सितंबर को, राजभर ने विश्वास जताया था कि घोसी विधानसभा उपचुनाव हारने वाले भाजपा के दारा सिंह चौहान के साथ उन्हें उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री बनाया जाएगा। उन्होंने 12 नवंबर को भी यही बात दोहराई।

राजभर ने कहा, ‘‘मैंने प्रधानमंत्री, केंद्रीय गृह मंत्री और (उप्र) के मुख्यमंत्री से बात की थी। कुछ चीजें हैं, जो पहले से ही तय हैं। 2024 (लोकसभा) चुनाव में, हम राजग के साथ हैं। मंत्री पद हमारे लिए ज्यादा मायने नहीं रखता…यह केवल एक साधन है।’’

राजभर ने कहा, ‘‘एक व्यक्ति, जिसने समाज के हित के लिए मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया, उसके लिए मंत्री पद का क्या महत्व है?’’ उन्होंने कहा कि सुभासपा राज्य में विस्तार कर रही है और सभी 75 जिलों में सक्रिय है।

सुभासपा ने समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन में उत्तर प्रदेश में 2022 का विधानसभा चुनाव लड़ा और छह सीटें जीतीं थी। उस वर्ष बाद में, पार्टी ने राष्ट्रपति पद के लिए राजग उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू का समर्थन किया, जबकि समाजवादी पार्टी ने यशवंत सिन्हा का समर्थन किया था।

इस साल जुलाई में सुभासपा औपचारिक रूप से राजग में शामिल हो गई है। फिलहाल उप्र विधानसभा में सुभासपा के छह विधायक हैं।

सुभासपा ने 2017 में भाजपा के साथ गठबंधन में उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव लड़ा और चार सीटें जीतीं थी। योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री के रूप में पहले कार्यकाल के दौरान राजभर को भी मंत्री बनाया गया था। हालांकि, 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा और सुभासपा की राहें अलग हो गईं थी।

राजभर की केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के बाद जुलाई में सुभासपा, राजग में लौट आई।

भाषा सं जफर आशीष

आशीष

 

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