मुस्लिम परिवार ने ‘बहूभोज’ के आमंत्रण पत्र में अपने पूर्व हिंदू उपनाम लिखकर सुर्खियां बटोरी

मुस्लिम परिवार ने ‘बहूभोज’ के आमंत्रण पत्र में अपने पूर्व हिंदू उपनाम लिखकर सुर्खियां बटोरी

मुस्लिम परिवार ने ‘बहूभोज’ के आमंत्रण पत्र में अपने पूर्व हिंदू उपनाम लिखकर सुर्खियां बटोरी
Modified Date: December 14, 2025 / 10:30 pm IST
Published Date: December 14, 2025 10:30 pm IST

जौनपुर (उप्र), 14 दिसंबर (भाषा) जौनपुर जिले में एक मुस्लिम परिवार ने शादी के बाद ‘बहू भोज’ (दावते वलीमा) के आमंत्रण पत्र में अपने पूर्व के हिंदू परिवार से जुड़ा उपनाम लिखकर, जहां पारिवारिक जड़ों, साझा परंपराओं और सामाजिक सद्भाव की मिसाल पेश की, वहीं यह प्रयास सुर्खियों में आ गया।

जौनपुर जिले की केराकत तहसील के डेहरी गांव के मोहम्मद खालिद दुबे की शादी के बाद रविवार को उनके गांव में “दावते वलीमा” का आयोजन किया गया, जिसे हिंदू परंपरा में ‘बहू भोज’ के रूप में जाना जाता है।

यह समारोह खालिद के पिता के बड़े भाई नौशाद अहमद दुबे द्वारा आयोजित किया गया। रविवार को आयोजित इस बहू भोज के आमंत्रण पत्र में बाकायदा दावते वलीमा के साथ बहू भोज छपा है। इस कार्ड के लिफाफे पर ‘श्री लाल बहादुर दुबे 1669 ई. के जमींदार की 8वीं पीढ़ी के वंशज खालिद दुबे की शादी एवं बहूभोज (दावत-ए-वलीमा) के शुभ अवसर पर आप सभी सादर आमंत्रित है’ लिखा गया।

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नौशाद अहमद दुबे विशाल भारत संस्थान के जिला चेयरमैन हैं। दुबे उपनाम के प्रयोग के पीछे का कारण बताते हुए नौशाद अहमद दुबे ने कहा, “हमारे पूर्वज लाल बहादुर दुबे थे और हम सब आजमगढ़ जिले से विस्थापित होकर यहां आए।”

उन्होंने कहा, “हमने अपने पूर्वजों की जड़ों की तलाश की तो पाया कि हम सब आजमगढ़ में दुबे जाति से थे। इस तरह से हमारी जाति वही हुई। हमारे पूर्वजों ने धर्म बदला, जाति नहीं, क्योंकि जाति तो बदली नहीं जा सकती।”

उन्होंने कहा, “जो चीज बदली नहीं जा सकती, उसे हम लोग जबरन क्यों बदलेंगे? उस समय क्या परिस्थितियां रहीं कि ये उपनाम अपनाया, लेकिन हमें इसमें अपनापन लगता है।”

इस समारोह में धार्मिक, सामाजिक और सांस्कृतिक क्षेत्रों के अतिथि शामिल हुए, जिससे यह एक विशिष्ट अवसर बन गया।

इस चर्चित बहूभोज (दावत-ए-वलीमा) में पाताल पुरी पीठ के जगतगुरु बाबा बालकदास देवाचार्य महाराज, महंत जगदीश्वर दास, भारत सरकार की उर्दू काउंसिल सदस्य नाजनीन अंसारी, विशाल भारत संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव गुरु समेत अनेकों विशिष्ट जन मौजूद रहे।

नौशाद ने बताया, “आज राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के राष्ट्रीय पदाधिकारी कृष्ण गोपाल और इंद्रेश कुमार ने फोन करके हमें बहू भोज पर अपनी बधाई दी।”

भाषा सं आनन्द अमित नरेश

नरेश


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