ज्ञानवापी मामले में फैसला सुनाते समय न्यायाधीश की सुरक्षा को लेकर चिंतित था परिवार, जज ने बताई वजह

इस दीवानी मामले को असाधारण मामला बनाकर भय का माहौल पैदा कर दिया गया है। डर इतना है कि मेरा परिवार मेरी सुरक्षा को लेकर चिंतित रहता है और मैं उनकी सुरक्षा को लेकर चिंतित रहता हूं। मैं जब भी घर से बाहर रहता हूं, तो मेरी पत्नी को मेरी सुरक्षा की चिंता रहती है।’’

ज्ञानवापी मामले में फैसला सुनाते समय न्यायाधीश की सुरक्षा को लेकर चिंतित था परिवार, जज ने बताई वजह

MP HC Verdict on Not Having Physical Relations with Husband

Modified Date: November 29, 2022 / 08:01 pm IST
Published Date: May 13, 2022 12:09 pm IST

verdict in Gyanvapi case: वाराणसी (उप्र) 13 मई । वाराणसी के ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी मामले में बृहस्पिवार को निर्णय सुनाने वाले दीवानी अदालत के न्यायाधीश रवि कुमार दिवाकर ने कहा कि फैसला सुनाए जाने के दौरान उनका परिवार उनकी सुरक्षा को लेकर बहुत चिंतित था। न्यायाधीश दिवाकर ने बृहस्पतिवार को अपने आदेश में कहा कि इस मामले को असाधारण मामला बनाकर भय का माहौल बनाया गया है।>>*IBC24 News Channel के WhatsApp  ग्रुप से जुड़ने के लिए Click करें*<<

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उन्होंने कहा, ‘‘इस दीवानी मामले को असाधारण मामला बनाकर भय का माहौल पैदा कर दिया गया है। डर इतना है कि मेरा परिवार मेरी सुरक्षा को लेकर चिंतित रहता है और मैं उनकी सुरक्षा को लेकर चिंतित रहता हूं। मैं जब भी घर से बाहर रहता हूं, तो मेरी पत्नी को मेरी सुरक्षा की चिंता रहती है।’’

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verdict in Gyanvapi case : न्यायाधीश दिवाकर ने कहा, ‘‘कल मेरी अपनी मां से जब बातचीत हुई तो वे भी मेरी सुरक्षा को लेकर चिंतित थी। मीडिया से मिली खबरों से उन्हें पता चला कि शायद मैं भी कमिश्नर के रूप में मौके पर जा रहा हूं, तो उन्होंने मुझसे कहा कि मुझे मौके पर नहीं जाना चाहिए, क्योंकि इससे मुझे सुरक्षा संबंधी खतरा हो सकता है।’’

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ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर भी वीडियोग्राफी

उल्लेखनीय है कि वाराणसी की अदालत ने ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी परिसर का वीडियोग्राफी सर्वेक्षण कराने के लिए नियुक्त कोर्ट कमिश्नर को पक्षपात के आरोप में हटाने संबंधी याचिका बृहस्पतिवार को खारिज करते हुए स्पष्ट किया कि ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर भी वीडियोग्राफी कराई जाएगी। दीवानी अदालत के न्यायाधीश (सीनियर डिवीजन) दिवाकर ने कोर्ट कमिश्नर अजय मिश्रा को हटाने संबंधी याचिका को नामंजूर कर दिया। साथ ही विशाल सिंह को विशेष कोर्ट कमिश्नर और अजय प्रताप सिंह को सहायक कोर्ट कमिश्नर के तौर पर नियुक्त किया।

अदालत ने इसके साथ ही संपूर्ण परिसर की वीडियोग्राफी करके 17 मई तक रिपोर्ट पेश करने के निर्देश भी दिए हैं।

 


लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com