सहकारिता में शोध को बढ़ावा देने के लिए स्थापित किया जाएगा राज्य सहकारी महाविद्यालय: योगी

सहकारिता में शोध को बढ़ावा देने के लिए स्थापित किया जाएगा राज्य सहकारी महाविद्यालय: योगी

सहकारिता में शोध को बढ़ावा देने के लिए स्थापित किया जाएगा राज्य सहकारी महाविद्यालय: योगी
Modified Date: September 12, 2025 / 09:08 pm IST
Published Date: September 12, 2025 9:08 pm IST

लखनऊ, 12 सितंबर (भाषा) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को कहा कि राज्य में सहकारी महाविद्यालय की स्थापना की जाएगी ताकि सहकारिता क्षेत्र में शोध को बढ़ावा मिल सके।

मुख्यमंत्री योगी ने प्रदेश में सहकारिता के क्षेत्र में अध्ययन, अध्यापन और शोध को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य सहकारी महाविद्यालय की स्थापना की तैयारी के निर्देश दिए।

एक आधिकारिक बयान के अनुसार, शुक्रवार को केंद्रीय सहकारिता राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल की उपस्थिति में सहकारिता विभाग की समीक्षा बैठक में इस विषय पर चर्चा हुई।

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केंद्रीय राज्य मंत्री ने इस पहल पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया।

बैठक में ‘एम-पैक्स’ (बहुउद्देशीय प्राथमिक ग्रामीण सहकारी समिति) सदस्यता महाभियान पर भी विस्तार से चर्चा हुई।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘सहकार से समृद्धि’ मंत्र को आत्मसात करते हुए 12 सितंबर से 12 अक्टूबर तक आयोजित अभियान के माध्यम से हर किसान और हर ग्रामीण परिवार को सहकारिता से जोड़ना प्राथमिकता है।

उन्होंने कहा कि वर्ष 2023 में आयोजित प्रथम सदस्यता महाअभियान में 30 लाख से अधिक नए सदस्य जुड़े थे, जिनमें 17.33 लाख किसान, 3.92 लाख अकुशल श्रमिक, 1.56 लाख कुशल श्रमिक, 2.20 लाख पशुपालक और 6,411 मत्स्यपालक शामिल थे।

योगी ने कहा कि इस अभियान से सहकारिता क्षेत्र में 70 करोड़ रुपये का अंशदान प्राप्त हुआ था।

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि द्वितीय महाअभियान को और व्यापक बनाया जाए।

केंद्रीय सहकारिता राज्य मंत्री ने कहा कि सहकारिता के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश की उपलब्धियां अन्य राज्यों के लिए अनुकरणीय हैं और प्रधानमंत्री मोदी के विजन को साकार करने में प्रदेश अग्रणी भूमिका निभा रहा है।

बैठक में प्रदेश सरकार के मंत्री सूर्य प्रकाश शाही, धर्मपाल सिंह, संजय निषाद, राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जेपीएस राठौर, भारत सरकार के सचिव सहकारिता डॉ. आशीष कुमार भूटानी तथा प्रदेश सरकार के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

भाषा आनन्द जितेंद्र

जितेंद्र


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