अतीक के शूटर गुलाम का शव लेने से परिवार का इनकार, मां बोली हाथ जोड़कर कहा था ‘सुधर जाओ’, पुलिस ने सही किया

Asad Ahmed encounter: मोहम्मद गुलाम के भाई राहिल ने कहा कि हम लोग शव लेने नहीं जाएंगे, उसने बहुत ही गलत काम किया है। उस पर किसी तरह का कोई दबाव नहीं था, सब लोग अच्छे से काम कर रहे थे, पुलिस ने जो किया, वो सही किया है।

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  • Publish Date - April 14, 2023 / 07:34 PM IST,
    Updated On - April 14, 2023 / 07:35 PM IST

Asad Ahmed encounter : नई दिल्ली। उमेश पाल हत्याकांड में शामिल अतीक अहमद के बेटे असद (Asad Ahmed) और शूटर गुलाम को गुरुवार को यूपी एसटीएफ ने एक मुठभेड़ में मार गिराया था। अब दोनों के को दफनाने की तैयारी चल रही है जिसके लिए कब्र खोदी जा रही है, हालांकि इसी बीच शूटर गुलाम के परिजनों ने शव को लेने से मना कर दिया है।

गुलाम के भाई राहिल हसन और उसकी मां खुसनुदा ने कहा कि हम गुलाम का शव नहीं लेंगे, उन्होंने यह भी कहा कि हम उसका अंतिम संस्कार भी नहीं करेंगे। मां ने कहा उसके सामने हाथ जोड़े थे कि सुधर जाओ, लेकिन वो नहीं माना। मुझे उसका शव नहीं चाहिए। मोहम्मद गुलाम के भाई राहिल ने कहा कि हम लोग शव लेने नहीं जाएंगे, उसने बहुत ही गलत काम किया है। उस पर किसी तरह का कोई दबाव नहीं था, सब लोग अच्छे से काम कर रहे थे, पुलिस ने जो किया, वो सही किया है।

अब शव का क्या करेगी पुलिस?

Asad Ahmed encounter : ऐसी स्थिति में अगर गुलाम के परिजन उसका शव नहीं लेंगे तो उस शव का क्या होगा? यह सवाल उठ रहा है। क्या पुलिस उसका अंतिम संस्कार करेगी? तो बता दें कि अगर शव लावारिश है, उसकी पहचान नहीं हो पायी है या फिर उस पर कोई दावा नहीं करता तो पुलिस एक प्रकिया अपनाती है। इस प्रकिया के तहत पुलिस के पास एक फंड होता है जिससे उस व्यक्ति का सम्मानपूर्वक अंतिम संस्कार कर दिया जाता है।

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लेकिन अगर शव की शिनाख्त भी हो चुकी है, उस लोग जानते भी हैं और फिर भी परिवार शव लेने से इनकार कर दे तो उस शव का क्या होगा? ऐसी स्थिति तमें अगर कोई दुर्दांत अपराधी है और वो मारा गया है, लेकिन परिजन शव स्वीकार नहीं कर रहे है तो इसके लिए अलग नियम अपनाया जाता है।

Asad Ahmed encounter :पुलिस ऐसे मामले में परिवार से एक सहमति पत्र पर सिग्नेचर करवाती है कि वो उस शव को स्वीकार नहीं करना चाहते हैं, इसके बाद पुलिस फिर अपने फंड से उस व्यक्ति के धर्म और मान्यता के अनुसार उसका अंतिम संस्कार कर देती है। पुलिस ऐसे मामलों में परिवार से सहमति पत्र इसलिए लेती है ताकि भविष्य में परिजन कोर्ट में जाकर पुलिस पर ये आरोप ना लगाएं कि उन्हें शव नहीं दिया गया या इसकी जानकारी नहीं मिली थी।

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बता दें कि प्रयागराज में हुए उमेश पाल हत्याकांड में फरार चल रहा असद अहमद (Asad Ahmed) 13 अप्रैल को हुए एनकाउंटर में मारा गया था। यूपी STF ने झांसी के पास माफिया अतीक अहमद (Atique Ahmed) के बेटे असद को मार गिराया था। असद के साथ शूटर मोहम्मद गुलाम भी मारा गया था। दोनों के पास से विदेशी हथियार बरामद हुए थे।