उत्तर प्रदेश अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण के गठन को राज्य मंत्रिमंडल की मंजूरी

उत्तर प्रदेश अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण के गठन को राज्य मंत्रिमंडल की मंजूरी

उत्तर प्रदेश अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण के गठन को राज्य मंत्रिमंडल की मंजूरी
Modified Date: February 6, 2025 / 01:31 pm IST
Published Date: February 6, 2025 1:31 pm IST

लखनऊ, छह फरवरी (भाषा) उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल ने राज्य में जल परिवहन एवं जल पर्यटन को विकसित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए ‘उत्तर प्रदेश अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण’ के गठन को मंजूरी दे दी है।

प्रदेश के वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में बुधवार को हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी देते हुए बृहस्पतिवार को एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि बैठक में 12 प्रस्तावों पर चर्चा हुई, जिनमें से एक को छोड़कर बाकी 11 को मंजूरी दे दी गई।

खन्ना के अनुसार, मंत्रिमंडल ने ‘उत्तर प्रदेश अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण’ के गठन का प्रस्ताव स्वीकार कर लिया। उन्होंने बताया कि इस प्राधिकरण के कार्यों को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए ‘उत्तर प्रदेश जलमार्ग प्राधिकरण नियमावली 2025’ को भी मंत्रिमंडल ने अनुमोदन दे दिया।

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राज्य सरकार की ओर से जारी बयान के मुताबिक, “देश में 111 राष्ट्रीय जलमार्ग घोषित किए गए हैं, जिनमें उत्तर प्रदेश में गंगा, यमुना सहित कुल 11 राष्ट्रीय जलमार्ग मौजूद हैं। जलमार्गों के जरिये परिवहन को किफायती और सुविधाजनक बनाने के उद्देश्य से इस प्राधिकरण की स्थापना की जा रही है।”

बयान के अनुसार, सरकार का मानना है कि जल परिवहन प्रणाली विकसित होने से यातायात के अन्य साधनों पर दबाव कम होगा और व्यापारिक गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलेगा।

इसमें कहा गया है कि ‘उत्तर प्रदेश अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण’ का नेतृत्व परिवहन मंत्री या मुख्यमंत्री की ओर से नामित अंतर्देशीय जलमार्ग, जहाजरानी, नौवहन, बंदरगाह और समुद्री मामलों के विशेषज्ञ द्वारा किया जाएगा।

बयान के मुताबिक, “उपाध्यक्ष के रूप में ऐसे ही विशेषज्ञ व्यक्तियों में से किसी एक को राज्य सरकार द्वारा नियुक्त किया जाएगा। इसके अलावा, वित्त, लोक निर्माण, पर्यटन एवं संस्कृति, सिंचाई एवं जल संसाधन और वन एवं पर्यावरण विभाग के अपर मुख्य सचिव या प्रमुख सचिव इस प्राधिकरण के पदेन सदस्य होंगे।”

बयान के अनुसार, “भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (आईडब्ल्यूएआई) के अध्यक्ष द्वारा नामित एक प्रतिनिधि भी सदस्य के रूप में शामिल होगा। उत्तर प्रदेश के परिवहन आयुक्त इस प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) होंगे।”

इसमें कहा गया है कि प्राधिकरण के अंतर्गत विभिन्न महत्वपूर्ण प्रावधान किए गए हैं, जिनमें अध्यक्ष और उपाध्यक्ष की शक्तियां एवं कर्तव्य, आवासीय व्यवस्था, यात्रा भत्ता, बैठकों की प्रक्रिया, कोरम, सलाहकार समितियों का गठन, कार्य संचालन की प्रक्रिया, सदस्यों का कार्यकाल, विशेषज्ञों का पैनल, बजट, लेखा और लेखा परीक्षा से जुड़े नियम शामिल हैं।

बयान के मुताबिक, “उत्तर प्रदेश सरकार जल परिवहन के साथ-साथ जल पर्यटन को भी विकसित करने की योजना बना रही है। इस प्राधिकरण के माध्यम से विभिन्न पर्यटन स्थलों को जलमार्ग से जोड़ने और उन्हें आकर्षक बनाने की दिशा में प्रयास किए जाएंगे। इससे पर्यटकों को एक नया अनुभव मिलेगा और राज्य की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी। सरकार का यह कदम जल परिवहन को बढ़ावा देने और राज्य में आर्थिक विकास को गति देने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित होगा।”

खन्ना ने बताया कि पुलिस की यूपी112 सेवा के निर्बाध संचालन के लिए मंत्रिमंडल ने 469 पुराने वाहनों की जगह इतने ही नये वाहनों के अनुमोदन का प्रस्ताव मंजूर कर लिया है। उन्होंने कहा कि इसके लिए 43 करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि खर्च की जाएगी और चार पहिया वाहनों के साथ-साथ दो पहिया वाहनों की भी खरीद की जाएगी।

मंत्री के अनुसार, मंत्रिमंडल ने मथुरा में नये ग्रीन फील्ड डेयरी संयंत्र की स्थापना के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी है। उन्होंने कहा कि मथुरा में दूध की उपलब्धता, विकास की संभावनाओं को देखते हुए यह डेयरी संयंत्र स्थापित किया जाएगा और इसकी क्षमता एक लाख लीटर प्रतिदिन की होगी, जिसे तीन चरणों में हासिल किया जाएगा।

खन्ना ने कहा कि पहले चरण में 30 हजार लीटर प्रतिदिन की क्षमता को प्राप्त किया जाएगा। उन्होंने बताया कि यह डेयरी संयंत्र पहले फिरोजाबाद में लगाए जाने का प्रस्ताव था, लेकिन अब इसे मथुरा में स्थानांतरित करने का निर्णय लिया गया है।

खन्ना ने बताया कि डिजिटल लर्निंग को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों को उन्नत किस्म के टैबलेट उपलब्ध कराए जाएंगे, जिसके लिए केंद्र सरकार से अनुमोदित राशि के अतिरिक्त खर्च होने वाली राशि को राज्य सरकार वहन करेगी।

उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा टैबलेट खरीद के लिए 5166.70 लाख रुपये की धनराशि स्वीकृत की गई है, लेकिन टैबलेट को छात्र हित में अधिक उपयोगी बनाने के लिए उन्नत किस्म के टैबलेट की खरीद के लिए राज्य सरकार 1468.80 लाख रुपये खर्च करेगी।

खन्ना के मुताबिक, राजधानी लखनऊ स्थित किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में मरीजों की संख्या में लगातार वृद्धि को देखते हुए उसके ट्रामा सेंटर के विस्तार का निर्णय लिया गया है। उन्होंने बताया कि वर्तमान ट्रामा सेंटर को 460 बेड से बढ़ाकर 500 बेड का किया जाएगा।

खन्ना के अनुसार, ट्रामा सेंटर में पेशेंट यूटिलिटी कॉम्प्लेक्स भी बनाया जाएगा, जिस पर 272 करोड़ 97 लाख रुपये की राशि खर्च होगी। उन्होंने कहा कि इस फैसले से किसी भी दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल मरीजों को एक ही छत के नीचे सभी सर्जिकल स्पेशियलिटी सुविधाएं सुलभ हो सकेंगी।

भाषा

सलीम संतोष पारुल

पारुल


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