वास्तविक प्रगति के लिए अब सहकारिता के अलावा और कोई रास्ता नहीं : प्रभु

वास्तविक प्रगति के लिए अब सहकारिता के अलावा और कोई रास्ता नहीं : प्रभु

वास्तविक प्रगति के लिए अब सहकारिता के अलावा और कोई रास्ता नहीं : प्रभु
Modified Date: December 21, 2025 / 04:49 pm IST
Published Date: December 21, 2025 4:49 pm IST

लखनऊ, 21 दिसंबर (भाषा) पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश प्रभु ने सहकारिता को वर्तमान वैश्विक हालात में प्रगति का एकमात्र रास्ता करार देते हुए रविवार को कहा कि सहकारिता ही एक ऐसा माध्यम है जो व्यक्ति, समाज और राष्ट्र को एक ही साथ विकास के रास्ते पर अग्रसर कर सकता है।

पूर्व रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने यहां ‘युवा सहकार सम्मेलन’ को संबोधित करते हुए वर्तमान वैश्विक हालात में विकास के लिहाज से सहकारिता क्षेत्र की संभावनाओं का जिक्र किया।

उन्होंने कहा, ‘पूरे विश्व में सब लोग इससे चिंतित हैं कि पूंजीवाद, समाजवाद और साम्यवाद के जो ढांचे बनाये गये थे वे सभी ढांचे अभी गिर रहे हैं। अब इसमें एक ही रास्ता सबके सामने सही मायने में चलने का दिख रहा है, तो वह है सहकारिता।’

 ⁠

प्रभु ने कहा कि इसकी वजह यह है कि प्रति व्यक्ति की आय के साथ-साथ सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) भी बढ़ना चाहिए तथा अगर कुछ पूंजीवादियों की आमदनी बढ़ती है तो जीडीपी बढ़ जाती है।

उन्होंने कहा कि अगर आम आदमी की भी आय उसी हिसाब से बढ़ानी है तो सहकारिता के सिवाय और कोई रास्ता नहीं है, इसीलिए सहकारिता को लेकर आज पूरे विश्व में एक चर्चा जारी है।

प्रभु ने वैश्विक स्तर पर वर्तमान आर्थिक विषमता का जिक्र करते हुए कहा, ‘अमेरिका में एलन मस्क जैसे एक व्यक्ति की आमदनी कुछ दिनों में एक हजार अरब डॉलर तक हो जाएगी। पूरे विश्व में सिर्फ 15 राष्ट्र छोड़ दें तो किसी भी अन्य राष्ट्र की जीडीपी एक हजार डॉलर की नहीं है। ऐसी विषमता दूर करनी है तो सहकारिता के सिवा हमारे पास कोई दूसरा रास्ता नहीं है।’

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘अगर हम सहकारिता को लेकर आगे चलते हैं तो देश का भी विकास होगा, व्यक्ति का भी विकास होगा और समाज का भी विकास होगा।’

प्रभु ने कहा कि आने वाले दिनों में युवाओं की अपेक्षाओं को पूरा करना सबसे बड़ी चुनौती होगी और इसके लिये सहकारिता और कॉर्पोरेट का एक संबंध बनना चाहिये।

उन्होंने सहकारिता के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश में हुई तरक्की का जिक्र करते हुए कहा, ‘हम सब जानते हैं कि सिर्फ नौ साल में उत्तर प्रदेश में एक बड़े स्तर पर परिवर्तन हुआ है। लोग कभी सोच भी नहीं सकते थे कि ऐसी कोई बात उत्तर प्रदेश में हो सकती है। सहकारिता के क्षेत्र में भी नए-नए कार्य किए गए हैं लेकिन मुझे लगता है कि यह सिर्फ एक ट्रेलर है।’

प्रभु ने कहा कि आने वाले सालों में उत्तर प्रदेश सहकारिता के क्षेत्र में भी देश का सबसे अहम राज्य बनेगा।

भाषा सलीम नोमान

नोमान


लेखक के बारे में