उप्र : जदयू उपाध्यक्ष और उनकी पत्नी समेत चार लोगों पर धोखाधड़ी का मुकदमा

उप्र : जदयू उपाध्यक्ष और उनकी पत्नी समेत चार लोगों पर धोखाधड़ी का मुकदमा

उप्र : जदयू उपाध्यक्ष और उनकी पत्नी समेत चार लोगों पर धोखाधड़ी का मुकदमा
Modified Date: September 28, 2023 / 02:28 pm IST
Published Date: September 28, 2023 2:28 pm IST

बलिया (उप्र), 28 सितंबर (भाषा) जनता दल यूनाइटेड (जदयू) की उत्तर प्रदेश इकाई के उपाध्यक्ष अवलेश सिंह, उनकी पत्नी और दो बेटियों के खिलाफ धोखाधड़ी के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया है।

पुलिस सूत्रों ने बृहस्पतिवार को बताया कि शिवानंद सिंह की तहरीर पर फेफना थाने में जद(यू) की उत्तर प्रदेश इकाई के उपाध्यक्ष अवलेश सिंह, उनकी पत्नी नीलम सिंह और दो बेटों शशांक शेखर सिंह तथा अनुराग सिंह के विरुद्ध गत 26 सितम्बर को धोखाधड़ी के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया है। शिवानंद सिंह अवलेश सिंह के बड़े भाई हैं।

अपर पुलिस अधीक्षक दुर्गा प्रसाद तिवारी ने बताया कि यह मुकदमा मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत के आदेश पर दर्ज किया गया है। पुलिस मामले की छानबीन कर रही है।

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उन्होंने बताया कि शिवानंद सिंह ने अपनी तहरीर में उल्लेख किया है कि वह तीन भाई हैं और सभी भाइयों की सहमति से एक अप्रैल 2000 को ‘मेसर्स अवलेश कुमार सिंह’ नामक एक फर्म बनायी गयी थी। तहरीर के अनुसार, इसमें अवलेश की 30 प्रतिशत, शिवानंद की 40 फीसद और अरविंद कुमार सिंह की 30 प्रतिशत हिस्सेदारी थी। अवलेश सिंह ने साझीदारों को बताये बगैर और पूर्व में गठित फर्म को भंग किये बिना एक अप्रैल 2007 को अपनी एक अलग फर्म बना ली और नियम—शर्तों का उल्लंघन कर धोखे से फर्म में अपनी पत्नी और दो बेटों के नाम शामिल कर लिये, तथा पूर्व में बनायी गयी कम्पनी के दस्तावेजों में धोखे से कुछ बिंदु और बढ़ा दिये।

शिवानंद के मुताबिक, उन्होंने इस मामले में मुकदमा दर्ज करने के लिये तहरीर दी थी लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की, जिसके बाद उन्हें अदालत की शरण लेनी पड़ी।

अवलेश सिंह का कहना है कि उन पर लगाये गए आरोप मनगढ़ंत हैं और राजनीतिक विरोधियों की साजिश के तहत यह मुकदमा दर्ज कराया गया है।

उन्होंने बताया कि फर्म को लेकर उनके भाई शिवानंद सिंह से उनका लिखित में बंटवारा हो चुका है। उन्होंने कहा कि उनके पास सारे साक्ष्य और अभिलेख मौजूद हैं तथा समय आने पर उन पर लगाए गए सभी आरोप फर्जी साबित हो जायेंगे।

भाषा सं सलीम मनीषा

मनीषा


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