Reported By: Varnit Gupta
, Modified Date: January 25, 2024 / 11:23 PM IST, Published Date : January 25, 2024/11:20 pm ISTGyanvapi Case: वाराणसी: अभी अयोध्या में राममंदिर की प्राण प्रतिष्ठा को मात्र तीन दिन ही हुए हैं कि अब ज्ञानवापी मामले में बड़ा मोड़ आया गया है। हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा, एएसआई सर्वे का हवाला देते हुए कहा है कि “ASI ने कहा है कि मौजूदा ढांचे के निर्माण से पहले वहां एक बड़ा हिंदू मंदिर मौजूद था। यह ASI का निर्णायक निष्कर्ष है”
वहां पर 34 शिलालेख है जहां पर पहले से मौजूद हिंदू मंदिर के थे। जो पहले हिंदू मंदिर था उसके शिलालेख को पुन: उपयोग कर ये मस्जिद बनाया गया। इनमें देवनागरी, ग्रंथ, तेलुगु और कन्नड़ लिपियों में शिलालेख मिले हैं, इन शिलालेखों में जनार्दन, रुद्र और उमेश्वर जैसे देवताओं के तीन नाम मिलते हैं।’
ज्ञानवापी सर्वे रिपोर्ट में ASI ने कहा, मस्जिद से पहले यहाँ बड़ा हिन्दू मंदिर था, आगे ASI ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है “पश्चिमी दिवार” एक हिंदू मंदिर का हिस्सा है, खम्बों को तोड़ा गया जो कमल के निशान हैं उसे तोड़ा गया, 32 ऐसी जगह हैं जो हिन्दू मंदिर के हिस्से थे ।
पुराने हिन्दू मंदिर के समान को इस्तेमाल मस्जिद बनाने के लिये किया गया। देवनागरी, तेलगू और कन्नड़ तीन भाषाओं में जनार्दन, रुद्र और उम्मेश्वर लिखा मिला है। तहख़ाने में हिन्दू देवी देवताओं की मूर्तियाँ मिली हैं।17th शताब्दी में मंदिर को औरंगज़ेब के समय तोड़ा गया ।
#WATCH | Varanasi, Uttar Pradesh | Advocate Vishnu Shankar Jain, representing the Hindu side, gives details on the Gyanvapi case.
He says, "The ASI has said that terms such as Maha Mukti Mandap is mentioned in these three inscription is of great significance…" pic.twitter.com/FYL31dLzuz
— ANI (@ANI) January 25, 2024
arts of the ASI report accessed via Advocate Vishnu Shankar Jain. pic.twitter.com/5IZJYJ2v7A
— ANI (@ANI) January 25, 2024
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