(Image Credit: artipathak instagram)
कार्तिक शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को आंवला नवमी या अक्षय नवमी का पावन पर्व मनाया जाता है।
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इसे अनला नवमी के नाम से भी जाना जाता है और यह दिन आंवले के वृक्ष की पूजा को समर्पित है।
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हिंदू शास्त्रों में आंवले के वृक्ष में भगवान विष्णु का वास माना गया है, इसलिए इसका धार्मिक महत्व अत्यधिक है।
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इस दिन आंवले की पूजा, दान, जप और सेवा करने से जन्म-जन्मांतर के पाप नष्ट होते हैं और अक्षय फल की प्राप्ति होती है।
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वर्ष 2025 में अक्षय नवमी का पर्व 31 अक्टूबर को पूरे श्रद्धा और आस्था के साथ मनाया जा रहा है।
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आंवला नवमी हमें प्रकृति के प्रति प्रेम, संरक्षण और जीवन के प्रति जिम्मेदारी का संदेश देती है।
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कहा जाता है कि इस दिन किया गया दान और पूजा अनंतकाल तक शुभ फल प्रदान करती है।
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इस अवसर पर लोग प्रेरक संदेश और शुभकामनाएं अपने प्रियजनों को भेजकर पर्व की खुशियां साझा करते हैं।
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