International Asteroid Day: 30 जून की वो सुबह जब रूस में मच गई थी तबाही, जानिए क्या हुआ था ऐसा

International Asteroid Day: 30 जून की वो सुबह जब रूस में मच गई थी तबाही, जानिए क्या हुआ था ऐसा

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  • Publish Date - June 30, 2020 / 04:46 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:25 PM IST

रायपुर: International Asteroid Day यानि ‘अंतर्राष्ट्रीय क्षुद्रग्रह दिवस’। 30 जून को पूरे विश्व मे ‘अंतर्राष्ट्रीय क्षुद्रग्रह दिवस’ मनाया जाता है। क्षुद्रग्रहों और उनसे होने वाले खतरे से लोगों को जागरूक करने के लिए संयुक्त राष्ट्र ने 30 जून, 2017 से ‘अंतर्राष्ट्रीय क्षुद्रग्रह दिवस’ मनाने की घोषणा की थी। दरअसल, 30 जून 1908 को रूस की तुंगुस्का नदी के पास क्षुद्रग्रह का बहुत बड़ा विस्फोट हुआ था। इसे दुनिया मे अब तक का सबसे बड़ा नुकसान माना जाता है। यही वजह है कि 30 जून को क्षुद्रग्रह दिवस के रूप में मनाया जाता है।

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क्या होता है एस्टॉरायड
सौरमंडल में मंगल और बृहस्पति के बीच में बहुत से ऐसे खगोलीय पिंड विचरण करते रहते हैं, जो अपने आकार में ग्रहों से छोटे और उल्का पिंडो से बड़े होते हैं। ये सौर प्रणाली के निर्माण के समय बने चट्टानी पिंड हैं, जिसे क्षुद्रग्रह कहा जाता है। क्षुद्रग्रह बड़े पैमाने पर सैकड़ों किलोमीटर विस्तृत क्षेत्र में सूर्य की परिक्रमा करते हैं। कई लोग क्षुद्रग्रह को ही उल्का पिंड भी कहते हैं। आपको जानकर हैरानी होगी, लेकिन कई क्षुद्रग्रहों का आकार इतना बड़ा होता है कि वे पूरी पृथ्वी को भी नष्ट कर सकते हैं। एक क्षुद्रग्रह कंकड़ के दानें से लेकर 600 मील की चौड़ाई तक का हो सकता है।

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क्या हुआ था रूस में
एक शताब्दी पूर्व 30 जून 1908 में 30 जून की सुबह रूस में टंगुस्का नदी के ऊपर एक क्षुद्रग्रह ने पृथ्वी के वातावरण में प्रवेश किया और लगभग 8.5 की ऊंचाई पर एक भयंकर विस्फोट के साथ नष्ट हो गया। विस्फोट की शक्तिशाली तरंगों से 2100 वर्ग किमी इलाके के 8 करोड़ पेड़ गिर गए या ठूंठ बन गए। यह जगह सौ से अधिक साल से बंजर पड़ी है। आज भी यहां एक भी पेड़ नहीं उग पाया है।

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स्थानीय लोगों ने इसे दैवीय आपदा माना मगर वैज्ञानिकों के अनुसार यह लगभग 40 मीटर आकार का एक उल्कापिंड था जो पृथ्वी के वातावरण से गुजरते समय बेहद गर्म होकर फट गया था। कहा जाता है कि इस प्रक्रिया में शायद 2.8 मेगाटन ऊर्जा फैली थी। ये खगोलीय और अंतरिक्ष की दुनिया में तुंगुस्‍का इवेंट के नाम से विख्‍यात है। और विश्‍व में इस दिन को वर्ल्‍ड एस्‍टेरॉयड डे के नाम से मनाया जाने लगा।