विश्व जल दिवस: केन-बेतवा लिंक परियोजना पर एमपी-यूपी के मुख्यमंत्रियों ने किए हस्ताक्षर, PM मोदी ने बताई स्वर्णिम उपलब्धि

विश्व जल दिवस: केन-बेतवा लिंक परियोजना पर एमपी-यूपी के मुख्यमंत्रियों ने किए हस्ताक्षर, PM मोदी ने बताई स्वर्णिम उपलब्धि

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  • Publish Date - March 22, 2021 / 08:17 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:12 PM IST

नईदिल्ली। जल दिवस के मौके पर आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में केन-बेतवा नदियों को आपस में जोड़ने की परियोजना को लेकर मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान और उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। इसी के साथ दोनों प्रदेशों के बीच पानी को लेकर चले आ रहे विवाद का अंत हो गया।

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इस प्रोजेक्ट के बाद बुंदेलखंड की जनता को सिंचाई से लेकर जल विद्युत का लाभ मिलेगा। पेयजल भी मिलेगा और सूखे का संकट खत्म हो जाएगा। इस दौरान पीएम मोदी ने दोनो राज्यों के मुख्मंत्रियों को बधाई दी। पीएम मोदी ने कहा कि इस परियोजना में बिजली भी पैदा होगी, ये उपलब्धि स्वर्णिम अक्षरों में लिखी जाएगी।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज जब हम जब तेज़ विकास के लिए प्रयास कर रहे हैं तो ये प्रभावी जल प्रबंधन के बिना संभव ही नहीं है। भारत के विकास का विजन, भारत की आत्मनिर्भरता का विजन, हमारे जल स्रोतों, हमारी जल कनेक्टिविटी पर निर्भर है। प्रधानमंत्री ने कहा कि सेना के लिए कहा जाता है कि शांति के समय जो सेना जितना पसीना बहाती है, युद्ध के समय खून उतना कम बहता है। मुझे लगता है कि ये नियम पानी पर भी लागू होता है। अगर हम बारिश के पहले पानी बचाने का काम करते हैं तो अकाल के कारण जो नुकसान होता है वो बच जाएगा। 

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राष्ट्रीय नदी विकास एजेंसी (एनडब्ल्यूडीए) द्वारा देश में प्रस्तावित 30 नदी जोड़ो परियोजनाओं में से एक केन-बेतवा लिंक परियोजना भी है। इसकी अनुमानित लागत लगभग 45000 करोड़ है, जिसका 90 फीसद केंद्र सरकार वहन करेगी। इस परियोजना में केन नदी से बेतवा नदी में पानी पहुंचाया जाएगा। इसके लिए दाऊधन डैम बनाया जाएगा और एक नहर के जरिए दोनों नदियों को जोड़ा जाएगा। मध्य प्रदेश में छतरपुर व पन्ना जिलों की सीमा पर केन नदी के मौजूदा गंगऊ बैराज के अपस्ट्रीम में 2.5 किमी की दूरी पर डोढ़न गांव के पास एक 73.2 मीटर ऊंचा ग्रेटर गंगऊ बांध बनाया जाएगा। कंक्रीट की 212 किमी लंबी नहर द्वारा केन नदी का पानी उत्तर प्रदेश के झांसी जिले में बेतवा नदी पर स्थित बरुआ सागर में डाला जाएगा।

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यह परियोजना बूंद-बूंद को तरसते बुंदेलखंड के लिए एक उपहार है। सालों से पानी की किल्लत से जूझ रहे क्षेत्र के लिए बौछार है। इस परियोजना में मध्य प्रदेश के पन्ना, टीकमगढ़, छतरपुर, सागर, दमोह, दतिया, विदिशा, शिवपुरी और रायसेन जिले हैं तो उत्तर प्रदेश के बांदा, महोबा, झांसी और ललितपुर जिले शामिल हैं। इस परियोजना से सिंचाई समेत पेयजल और जलविद्युत का लाभ मिलेगा। प्रति वर्ष 10.62 लाख हेक्टेयर कृषि क्षेत्र में सिंचाई सुविधाएं मिलेंगी और लगभग 62 लाख लोगों के लिए पेयजल आपूर्ति होगी। इसके अलावा 103 मेगावाट जलविद्युत का उत्पादन होगा।