बगावत के बीच जॉनसन ने अगला चुनाव जीतने की राह पर होने का दावा किया

बगावत के बीच जॉनसन ने अगला चुनाव जीतने की राह पर होने का दावा किया

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  • Publish Date - June 26, 2022 / 08:13 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 09:01 PM IST

लंदन, 26 जून (भाषा) ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने रविवार को इस दावे के साथ कंजरवेटिव पार्टी के कई सहयोगियों को नाराज कर दिया कि वह अगले आम चुनाव में सत्ताधारी पार्टी का नेतृत्व करने के लिए सही रास्ते पर हैं। वहीं, दो महत्वपूर्ण उपचुनावों में करारी हार के बाद उनके नेतृत्व के खिलाफ विद्रोह बढ़ रहा है।

इस सप्ताह की शुरूआत में उपचुनावों में मतदाताओं ने विपक्षी लेबर पार्टी के पक्ष में मतदान करके और कंजरवेटिव पार्टी को ‘पार्टीगेट’ घोटाले और जीवन-यापन पर खर्च बढ़ने को लेकर दंडित किया था। उसके बाद जॉनसन को आलोचना का सामना करना पड़ा रहा है।

इन उपचुनावों को जॉनसन के नेतृत्व के लिए एक तरह के जनमत संग्रह के रूप में देखा रहा है। रवांडा में राष्ट्रमंडल शासनाध्यक्षों की बैठक (सीएचओजीएम) के अंत में संवाददाताओं ने जॉनसन से सवाल किया कि क्या वह 2028-2029 में होने अगले चुनाव तक पद पर एक पूर्ण दूसरे कार्यकाल चाहते हैं।

इस पर, उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘फिलहाल मैं तीसरे कार्यकाल के बारे में सक्रियता से सोच रहा हूं और यह हो सकता है, लेकिन मैं समय आने पर इसकी समीक्षा करूंगा।’’

डाउनिंग स्ट्रीट के एक सूत्र ने बाद में कहा कि वह मजाक कर रहे होंगे।

इससे पहले, बीबीसी के एक साक्षात्कार में, जॉनसन ने कहा, ‘‘यदि आप कह रहे हैं कि आप चाहते हैं कि मैं किसी प्रकार के मनोवैज्ञानिक परिवर्तन से गुजरूं, तो मुझे लगता है कि हमारे श्रोताओं को पता होगा कि ऐसा नहीं होने वाला है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ आप क्या कर सकते हैं और सरकार को क्या करना चाहिए और मैं जो करना चाहता हूं, वह यह है कि हम अपनी व्यवस्था और हमारी अर्थव्यवस्था में बदलाव और सुधार के साथ आगे बढ़ें।’’

उन्होंने दावा किया कि मतदाता ‘‘मेरे बारे में बातचीत सुनकर तंग आ गए हैं’’ और वे जीवन-यापन पर होने वाले खर्च, अर्थव्यवस्था और यूक्रेन में ‘‘हिंसा और आक्रामकता के लिए खड़े होने पर’’ पर ध्यान केंद्रित करना चाहते हैं।’’

हालांकि, उपचुनाव में हार के मद्देनजर उनकी प्रतिक्रिया और टिप्पणियों पर उन्हें कंजरवेटिव पार्टी के कुछ नेताओं की ओर से कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ा है जिनके बारे में माना जाता है कि वे उन्हें प्रधानमंत्री के पद से हटाने की साजिश रच रहे हैं।

भाषा अमित सुभाष

सुभाष