आसियान शिखर सम्मेलन में म्यांमा में तख्तापलट के बाद के संकट से निपटने पर होगी चर्चा

आसियान शिखर सम्मेलन में म्यांमा में तख्तापलट के बाद के संकट से निपटने पर होगी चर्चा

  •  
  • Publish Date - April 23, 2021 / 02:50 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:53 PM IST

बैंकॉक, 23 अप्रैल (एपी) एसोसिएशन ऑफ साउथ ईस्ट एशियन नेशंस के दस सदस्यीय सदस्य शनिवार को म्यांमा की स्थिति पर चर्चा के लिए बैठक का आयेाजन कर रहे हैं।

इंडोनेशिया की राजधानी जकर्ता में हो रही आसियान की बैठक में म्यांमा की सेना के प्रमुख जनरल मिन आंग ह्लैंग भी शामिल होंगे जिसको लेकर जुंटा के विरोधी खफा हैं। उनका तर्क है कि जनरल ने जबरन सत्ता हासिल की है, वह म्यांमा के वैधानिक नेता नहीं हैं।

साथ ही विरोधी इस बात को लेकर भी खफा हैं कि वह जिन सुरक्षा बलों के मुखिया हैं उन्होंने देश में शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे सैकड़ों लोगों की हत्या की है।

न्यूयॉर्क के मानवाधिकार निगरानी संस्था के प्रमुख ब्रैड एडम्स ने कहा, ‘‘लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शनकारियों पर मिन आंग ह्लैंग की सेना द्वारा किए गए अत्याचार में भूमिका निभाने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उनकी निंदा की जा रही है, इसलिए उन्हें संकट के समाधान के लिए आयोजित अंतरराष्ट्रीय बैठक में नहीं बुलाया जाना चाहिए।’’

उन्होंने कहा कि इसके बजाए आसियान सदस्यों को जुंटा नेताओं पर आर्थिक प्रतिबंध लगाना चाहिए और साथ ही जुंटा के व्यवसाय पर भी पाबंदियां लगानी चाहिए ताकि हिरासत में लिए गए नेताओं की रिहाई के लिए दबाव बनाया जा सके, वहां अत्याचार खत्म किया जा सके और देश में लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार को बहाल किया जा सके।

इंडोनेशिया के सेंटर फॉर स्ट्रैटजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज के शोधकर्ता इवान लक्ष्मण ने कहा कि मिन आंग ह्लैंग को आमंत्रित करने का व्यावहारिक कारण है।

उन्होंने कहा, ‘‘आसियान इस हकीकत से वाकिफ है कि एक पक्ष हिंसा कर रहा है जो सेना है और इसलिए सेना को बैठक में बुलाया गया है। इसलिए इसका यह मतलब नहीं है कि सैन्य शासन को वैधता दी जा रही है।’’

इंडोनेशिया की विदेश मंत्री रेटनो मारसुदी ने शुक्रवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि उनके देश को उम्मीद है कि आसियान के नेता ऐसे समझौते पर पहुंचेंगे जो म्यांमा के लोगों के लिए अच्छा साबित हो।

एपी

नीरज नरेश

नरेश