इस्लामाबाद, 19 जनवरी (भाषा) पाकिस्तान में एक संसदीय समिति ने बुधवार को उच्च न्यायालय की न्यायाधीश आयशा मलिक को पदोन्नत कर उच्चतम न्यायालय की न्यायाधीश बनाए जाने को मंजूरी दे दी, जिससे रूढ़िवादी मुस्लिम बहुल देश अपनी शीर्ष अदालत में पहली महिला न्यायाधीश की नियुक्ति की दिशा में एक कदम और आगे बढ़ गया।
वर्तमान में लाहौर उच्च न्यायालय की न्यायाधीश के रूप में कार्यरत न्यायमूर्ति मलिक का नाम इस महीने की शुरुआत में प्रधान न्यायाधीश गुलजार अहमद की अध्यक्षता वाले पाकिस्तान न्यायिक आयोग (जेसीपी) ने न्यायाधीशों की नियुक्ति से संबंधित संसदीय समिति को भेजा था।
पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के सीनेटर फारूक एच नाइक की अध्यक्षता वाली द्विदलीय संसदीय समिति ने इस्लामाबाद में हुई अपनी बैठक में न्यायमूर्ति मलिक के नाम का समर्थन किया, जिससे शीर्ष अदालत में उनकी पदोन्नति में आखिरी बड़ी बाधा दूर हो गई।
समिति ने न्यायमूर्ति मलिक के नाम को मंजूरी देते हुए वरिष्ठता के सिद्धांत को दरकिनार किया। इस तरह लाहौर उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की वरिष्ठता सूची में चौथा स्थान रखने वाली न्यायमूर्ति मलिक शीर्ष अदालत में पहली महिला न्यायाधीश होंगी।
नाइक ने कहा, ‘हमने राष्ट्रीय हित में न्यायमूर्ति आयशा मलिक के नाम को मंजूरी दी है।’
भाषा
नेत्रपाल अविनाश
अविनाश
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