टीटीपी के बढ़ते खतरों के बीच पाकिस्तान सरकार ने अधिकारियों से कहा, ‘‘अत्यधिक सतर्कता’’ बरतें

टीटीपी के बढ़ते खतरों के बीच पाकिस्तान सरकार ने अधिकारियों से कहा, ‘‘अत्यधिक सतर्कता’’ बरतें

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  • Publish Date - October 6, 2022 / 02:43 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:33 PM IST

(सज्जाद हुसैन)

इस्लामाबाद, छह अक्टूबर (भाषा) तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) द्वारा आतंकवादी हमलों के बढ़ते खतरे के बीच पाकिस्तान सरकार ने अधिकारियों को ‘‘अत्यधिक सतर्कता’’ बरतने को कहा है।

आतंकवादी संगठन टीटीपी के साथ शांति वार्ता ठप होने के बाद सरकार ने यह कदम उठाया है।

संघीय सरकार ने कहा कि ऐसी जानकारी मिली है कि टीटीपी के सदस्यों ने शांति वार्ता को लेकर जारी गतिरोध पर चर्चा करने और टीटीपी के कमांडर उमर खालिद खोरासानी तथा आफताब पार्के के मारे जाने के बाद पाकिस्तान सरकार के साथ बातचीत की दिशा तय करने के लिए अफगानिस्तान के पक्तिका में हाल ही में मुलाकात की थी।

गृह मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि चार प्रांतों के अधिकारियों को जारी किए गए पत्र में उनसे किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए सुरक्षा बढ़ाने और सतर्कता बरतने का आग्रह किया गया है।

समाचार पत्र ‘डॉन’ की एक खबर के अनुसार, पिछले महीने जारी किए एक पत्र में गृह मंत्रालय ने आगाह किया है कि टीटीपी और पाकिस्तान सरकार के बीच पिछले एक साल से शांति वार्ता ‘‘ ठप पड़ी है’’, जिससे टीटीपी में बेचैनी है।

गौरतलब है कि टीटीपी, पाकिस्तानी सरकार पर उसकी प्रमुख मांगों को पूरा करने में विफल रहने का आरोप लगाता है। वह खैबर पख्तूनख्वा के साथ पूर्व संघीय प्रशासित जनजातीय क्षेत्र (एफएटीए) के विलय के फैसले को वापस लेने की मांग भी करता है।

खबर के अनुसार, यह पत्र गृह व चार प्रांतों के मुख्य सचिवों तथा इस्लामाबाद के मुख्य आयुक्त को भेजा गया है।

पाकिस्तान ने पिछले साल एक अंतरिम अफगानिस्तान सरकार की मदद से टीटीपी के साथ बातचीत शुरू की थी, लेकिन उसमें अभी तक कोई प्रगति नहीं हुई है।

टीटीपी ने 2012 में मलाला यूसुफजई पर हमला किया था। उन्होंने यूसुफजई पर ‘‘ पश्चिमी सोच वाली लड़की होने’’ का आरोप लगाया था। बाद में मलाला को नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

भाषा निहारिका मनीषा

मनीषा