बाइडन ने यूक्रेन मुद्दे पर एकजुटता प्रदर्शित करने के लिए सहयोगी देशों की प्रशंसा की

बाइडन ने यूक्रेन मुद्दे पर एकजुटता प्रदर्शित करने के लिए सहयोगी देशों की प्रशंसा की

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  • Publish Date - June 26, 2022 / 06:50 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:54 PM IST

एलमौ (जर्मनी), 26 जून (एपी) इस साल जर्मनी के बवेरियन आल्प्स में आयोजित जी-7 देशों की वार्षिक बैठक की प्रमुख बातें इस प्रकार हैं :-

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा है कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को लगता है कि जैसे-जैसे यूक्रेन पर रूस का आक्रमण जारी रहेगा, पश्चिमी देश ‘बिखर’ जाएंगे, हालांकि बाइडन ने उन सहयोगियों की प्रशंसा की है, जिन्होंने युद्ध के चार महीनों के दौरान क्रेमलिन का डटकर सामना किया और यूक्रेन को हथियार भेजते रहे तथा रूस पर प्रतिबंध लगाते रहे।

रविवार को जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज को बधाई देते हुए, बाइडन ने रूस पर दबाव बनाए रखने में मदद करने के लिए अपने समकक्ष की प्रशंसा की और उन्हें इसे बनाए रखने के लिए प्रोत्साहित किया। जर्मनी और स्पेन में शिखर सम्मेलन में अपने सहयोगियों से मिलने के लिए बाइडन की पांच-दिवसीय यात्रा का एक केंद्रीय संदेश यही था।

बाइडन ने कहा, ‘हमें साथ रहना होगा, क्योंकि पुतिन शुरू से ही मानते रहे हैं कि नाटो और जी-7 किसी तरह बिखर जाएंगे। लेकिन हम न तो बिखरे हैं और न बिखरने जा रहे हैं।’’

अमेरिकी राष्ट्रपति ने रूस का डटकर सामना करने में यूरोपीय देशों का नेतृत्व करने में मदद के लिए शोल्ज को श्रेय दिया और कहा कि शोल्ज की सख्त प्रतिक्रिया ‘शेष यूरोप को प्रोत्साहित करने में व्यापक प्रभाव डालती है।’

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अन्य घटनाक्रम

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने दुनिया की सात बड़ी लोकतांत्रिक अर्थव्यवस्थाओं के नेताओं से आग्रह किया कि उन्हें यूक्रेन पर रूसी हमले को लेकर ‘थकान’ का भाव नहीं आने देना चाहिए।

जॉनसन ने चिंता व्यक्त की है कि यूक्रेन समर्थक गठबंधन में विभाजन उभर सकता है, क्योंकि चार महीने से युद्ध चल रहा है। उनका कहना है कि सहयोगियों को संघर्षविराम के बदले यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की पर क्षेत्र छोड़ने के लिए दबाव नहीं डालना चाहिए।

ब्रिटिश नेता ने रविवार को जर्मनी में जी-7 शिखर सम्मेलन में कहा कि यह एक सिद्धांत है कि ‘यूक्रेन जैसे स्वतंत्र, संप्रभु देश पर हिंसक आक्रमण नहीं किया जाना चाहिए और इसकी सीमाओं को बलपूर्वक नहीं बदला जाना चाहिए।’

यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें लगता है कि फ्रांस और जर्मनी पर्याप्त (सहयोग) कर रहे हैं, जॉनसन ने यूक्रेन को हथियार देने और रूसी गैस के आयात में कटौती करने के लिए जर्मनी द्वारा उठाए गए ‘बड़े कदमों’ की प्रशंसा की। हालांकि उन्होंने फ्रांस का नाम इसमें नहीं लिया।

बाइडन का कहना है कि अमेरिका और जी-7 के अन्य देशों का इरादा रूस से सोने के आयात पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा करना है। उन्हें उम्मीद है कि यह उपाय यूक्रेन पर आक्रमण के कारण रूस को आर्थिक रूप से और अलग-थलग कर देगा। बाइडन ने जर्मनी में होने वाले जी-7 वार्षिक शिखर सम्मेलन की शुरुआत में रविवार को इन कदमों की घोषणा की।

बाइडन प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि ऊर्जा के बाद सोना मॉस्को का दूसरा सबसे बड़ा निर्यात पदार्थ है, और इसके आयात पर प्रतिबंध लगाने से रूस के लिए वैश्विक बाजारों में शामिल होना अधिक कठिन हो जाएगा।

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जर्मनी चाहता है कि ग्लोबल वार्मिंग से निपटने के लिए विभिन्न देश जलवायु क्लब में शामिल हों। जलवायु क्लब का विचार सबसे पहले येल अर्थशास्त्री विलियम नॉर्डहॉस ने दिया था, जिन्होंने कहा था कि मौजूदा जलवायु समझौतों की स्वैच्छिक प्रकृति की वजह से पर्याप्त प्रगति नहीं हुई है।

क्लब के सदस्य महत्वाकांक्षी उत्सर्जन लक्ष्यों पर सहमत होंगे और एक-दूसरे को जलवायु संबंधी व्यापार शुल्क से छूट देंगे।

एपी सुरेश नेत्रपाल

नेत्रपाल