अंतरराष्ट्रीय शांति कमजोर करने के लिए साइबर प्रौद्योगिकियों के इस्तेमाल की निंदा |

अंतरराष्ट्रीय शांति कमजोर करने के लिए साइबर प्रौद्योगिकियों के इस्तेमाल की निंदा

अंतरराष्ट्रीय शांति कमजोर करने के लिए साइबर प्रौद्योगिकियों के इस्तेमाल की निंदा

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:16 PM IST, Published Date : February 12, 2022/2:22 pm IST

मेलबर्न, 12 फरवरी (भाषा) भारत और ऑस्ट्रेलिया ने अंतरराष्ट्रीय शांति एवं स्थिरता को कमजोर करने के लिए साइबरस्पेस और साइबर प्रौद्योगिकियों के इस्तेमाल की कोशिशों की शनिवार को निंदा की।

उन्होंने खुली, सुरक्षित, मुक्त, शांतिपूर्ण और साइबरस्पेस तथा प्रौद्योगिकियों के आदान-प्रदान तथा उसे इस्तेमाल करने की क्षमता की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की, जो अंतरराष्ट्रीय नियम का पालन करती हो।

विदेश मंत्री एस जयशंकर और ऑस्ट्रेलिया की उनकी समकक्ष मारिस पायने के बीच वार्ता के बाद जारी एक संयुक्त बयान में कहा गया है कि दोनों मंत्रियों ने साइबर शासन, साइबर सुरक्षा, क्षमता निर्माण, नवोन्मेष, डिजीटल अर्थव्यवस्था और साइबर तथा अहम प्रौद्योगिकियों के क्षेत्र में सहयोग को भारत-ऑस्ट्रेलिया संबंधों का अहम स्तंभ बताया।

बयान में कहा गया है, ‘‘मंत्रियों ने खुली, सुरक्षित, मुक्त, शांतिपूर्ण और साइबरस्पेस तथा प्रौद्योगिकियों के आदान-प्रदान तथा उसे इस्तेमाल करने की क्षमता की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की, जो अंतरराष्ट्रीय नियम का पालन करती हो।’’

इसमें कहा गया है कि उन्होंने अंतरराष्ट्रीय शांति एवं स्थिरता को कमजोर करने वाले साइबरस्पेस और साइबर प्रौद्योगिकियों के इस्तेमाल की कोशिशों की निंदा की और संयुक्त राष्ट्र समेत विभिन्न बहुपक्षीय मंच में आपसी सहयोग मजबूत करने के लिए मिलकर काम करने की प्रतिबद्धता जतायी।

दोनों मंत्रियों ने विविधता, लैंगिक बराबरी और महिला सशक्तीकरण, विकास और साइबरस्पेस तथा प्रौद्योगिकियों के इस्तेमाल की महत्ता दोहरायी। उन्होंने 5जी और 6जी समेत अगली पीढ़ी के दूरसंचार नेटवर्क की सुरक्षा के लिए एक-दूसरे के साथ निकटता से काम करने की आवश्यकता भी जतायी।

अंतरराष्ट्रीय साझेदारों के साथ मिलकर काम करने की महत्ता पर जोर देते हुए जयशंकर और पायने हिंद-प्रशांत क्षेत्र की साइबर क्षमताओं में मिलकर सुधार लाने के लिए संयुक्त रूप से काम करने पर राजी हुए।

बयान में कहा गया है, ‘‘भारत के बेंगलूरु में बनने वाला ‘सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर क्रिटिकल एंड एमर्जिंग टेक्नोलॉजी पॉलिसी’ दोनों देशों की साइबर तथा अहम प्रौद्योगिकियों में द्विपक्षीय सहयोग की दीर्घकालीन प्रतिबद्धता को दिखाता है।’’

जयशंकर ने बेंगलूरु में महावाणिज्य दूतावास खोलने के ऑस्ट्रेलिया सरकार के इरादे का स्वागत किया।

अगला भारत-ऑस्ट्रेलिया विदेश मंत्री स्तरीय साइबर रूपरेखा संवाद 2023 में होगा।

भाषा गोला शाहिद

शाहिद

 

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