लंदन, चार मार्च (भाषा) ब्रिटेन में मिला कोरोना वायरस का स्वरूप पहले के वायरस की तुलना में ज्यादा संक्रामक है और इसके कारण फिर से कोविड-19 के तेजी से फैलने की आशंका है। एक नए अध्ययन में यह बताया गया है।
शोध पत्रिका ‘साइंस’ में प्रकाशित अध्ययन में कहा गया है कि शैक्षणिक संस्थानों को बंद करने जैसे सख्त कदमों और टीकाकरण को बढ़ावा दिए बिना 2021 में इंग्लैंड में कोविड-19 के कारण अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों और मौतों की संख्या 2020 की तुलना में ज्यादा रहेगी।
अध्ययन दल में लंदन स्कूल ऑफ हाइजीन एंड ट्रोपिकल मेडिसीन के विशेषज्ञ भी थे। अध्ययन में कहा गया कि नया स्वरूप इंग्लैंड में मौजूद सार्स कोव2 के स्वरूप की तुलना में 43-90 गुणा तेजी से फैलता है। इसका मतलब है कि किसी एक व्यक्ति के संक्रमित होने पर और कितने लोगों के इसकी चपेट में आने की आशंका है।
पिछले साल नवंबर में नए स्वरूप का मामला सामने आने के बाद दिसंबर में साक्ष्य मिलना शुरू हो गया कि ‘वीओसी 2020 12/01’ मौजूदा स्वरूप की तुलना में तेजी से प्रसारित होता है। अध्ययनकर्ताओं ने कहा कि ब्रिटेन में 15 फरवरी को नए स्वरूप के 95 प्रतिशत मामले थे और अब भारत सहित कम से कम 82 देशों में इसके फैलने की पुष्टि हो चुकी है।
ब्रिटेन में सार्स कोव2 के डेढ़ लाख नमूनों का अध्ययन करने के बाद पाया गया कि शुरुआती 31 दिनों में ‘वीओसी 2020 12/01’ के फैलने की दर ज्यादा थी।
भाषा आशीष माधव
माधव
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