चक्रवात मोखा ने यहां ले ली 145 लोगों की जान, डेढ़ लाख से अधिक इमारतों को भारी नुकसान

पिछले रविवार को बंगाल की खाड़ी में बने चक्रवात मोखा ने बांग्लादेश और पश्चिमी म्यांमा के रखाइन प्रांत में दस्तक दी थी, जिससे क्षेत्र में तेज हवाएं चलने के साथ ही भारी बारिश हुई थी।

चक्रवात मोखा ने यहां ले ली 145 लोगों की जान, डेढ़ लाख से अधिक इमारतों को भारी नुकसान

Cyclone Hamoon Updates

Modified Date: May 19, 2023 / 03:46 pm IST
Published Date: May 19, 2023 2:53 pm IST

Death toll from Cyclone Mokha rises to 145 in Myanmar बैंकॉक, 19 मई ।  म्यांमा में पिछले सप्ताहांत आए विनाशकारी चक्रवात ‘मोखा’ से कम से कम 145 लोगों की मौत हो चुकी है और 1.85 लाख से अधिक इमारतों को भारी नुकसान पहुंचा है। सरकारी टेलीविजन ‘एमआरटीवी’ पर शुक्रवार को प्रसारित खबर से यह जानकारी मिली है।

एमआरटीवी की खबर के मुताबिक, मृतकों की यह संख्या चक्रवात से सर्वाधिक प्रभावित रखाइन प्रांत की है जबकि देश के अन्य हिस्सों में चक्रवात के कारण हुई जनहानि के बारे में सटीक जानकारी जुटाई जानी है। वहीं, सेना द्वारा संचालित सरकार ने कहा है कि 400 से अधिक मौत के दावे वाले आंकड़े ‘‘झूठे’’ हैं।

पिछले रविवार को बंगाल की खाड़ी में बने चक्रवात मोखा ने बांग्लादेश और पश्चिमी म्यांमा के रखाइन प्रांत में दस्तक दी थी, जिससे क्षेत्र में तेज हवाएं चलने के साथ ही भारी बारिश हुई थी।

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Death toll from Cyclone Mokha rises to 145 in Myanmar रखाइन प्रांत की सितवे बस्ती के पास टकराए इस चक्रवात के कारण इलाके में लगभग 209 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चली थीं। हालांकि, सोमवार को देश के भीतरी हिस्सों की तरफ बढ़ते समय यह कमजोर होकर उष्णकटिबंधीय चक्रवात में तब्दील हो गया।

मानवीय मामलों के समन्वय से जुड़े संयुक्त राष्ट्र (संरा) कार्यालय ने कहा कि पूरे रखाइन प्रांत में बड़े पैमाने पर घर और बुनियादी ढांचा तबाह हो गए हैं। उसने कहा, “क्षेत्र में आश्रय, स्वच्छ पानी, खाद्य सहायता और स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं की तत्काल जरूरत है।”

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संरा कार्यालय ने कहा, “बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में जलजनित बीमारियों के प्रसार और बारूदी सुरंगों को लेकर चिंताएं बढ़ रही हैं।” रखाइन प्रांत म्यांमा में दशकों से जारी जातीय संघर्ष का केंद्र है।

संरा कार्यालय ने कहा, “चक्रवात का असर देश के उत्तर-पश्चिमी हिस्से में भी महसूस किया गया, जहां बड़ी संख्या में घर या तो ढह गए या बह गए। तेज हवाओं और बारिश ने काचिन प्रांत में विस्थापितों के शिविरों को भी भारी नुकसान पहुंचाया।”

 


लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com