पाक आतंकियों के खिलाफ कूटनीतिक प्रयास तेज, भारत-अमेरिका मिलकर करेंगे आतंकी सरगना मसूद अजहर को नेस्तनाबूत

पाक आतंकियों के खिलाफ कूटनीतिक प्रयास तेज, भारत-अमेरिका मिलकर करेंगे आतंकी सरगना मसूद अजहर को नेस्तनाबूत

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  • Publish Date - February 16, 2019 / 03:42 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:00 PM IST

नई दिल्ली । जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद मोदी सरकार एक्शन में है। पाकिस्तान को घेरने के लिए भारत ने कूटनीति प्रयास भी शुरू कर दिए हैं। भारत की पहल पर अमेरिका आतंकवाद के मुद्दे पर एक बार फिर से बातचीत करने के लिए तैयार हो गया है। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, इस बातचीत में जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर को वैश्विक रुप से प्रतिबंधित करने के मुद्दे को आगे बढ़ाने की रणनीति पर चर्चा की जाएगी। भारत के अधिकारी अमेरिका पर इस बात के लिए दबाव भी बनाएंगे कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद यानि यूएनएससी के तहत उस आतंकी को प्रतिबंधित करने के लिए प्रस्ताव लाया जाए, जो पठानकोट एयरबेस पर हुए हमले में आरोपी है और पाकिस्तान की सरपरस्ती में लगातार खौफनाक वारदातों की साजिश रच रहा है।

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पाक को घेरने भारत ने बनाई रणनीति
पाकिस्तान को आतंकवाद के मुद्दे पर घेरने और दुनिया से अलग-थलग करने की रणनीति में और धार लाने के लिए भारत लगातार कोशिश कर रहा है। इससे पहले भारत और अमेरिका ने साल 2017 में घरेलू और अंतरराष्ट्रीय आतंकियों की पहचान के लिए एक नया कंसल्टेशन मेकनिजम लॉन्च किया था।पीएम मोदी की प्रेसीडेंट डॉनल्ड ट्रंप से हुई मीटिंग के बाद एक ज्वाइंट स्टेटमेंट भी जारी किया गया था। बता दें कि संयुक्त राष्ट्र की 1267 समिति ने पहले से ही आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद को प्रतिबंधित संगठनों की सूची में डाल रखा है, बावजूद इसके संस्था सरगना मसूद अजहर पर अभी तक बैन नहीं लगा पाई है।

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पाक आतंकियों के खिलाफ चीन सबसे बड़ा रोड़ा
पुलवामा हमले पर चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने कहा, ‘चीन आत्मघाती हमले की खबरों से वाकिफ है। हम इस हमले से गहरे सदमे में हैं और मृतकों तथा घायलों के परिवारों के प्रति गहरी संवेदना और सहानुभूति व्यक्त करते हैं।’ गेंग ने कहा, ‘हम आतंकवाद के किसी भी रूप की कड़ी निंदा और पुरजोर विरोध करते हैं। उम्मीद है कि संबंधित क्षेत्रीय देश आतंकवाद से निपटने के लिए एक-दूसरे का सहयोग करेंगे और इस क्षेत्र में शांति और स्थायित्व के लिए मिलकर काम करेंगे।’ अजहर को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित कराने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘जहां तक सूचीबद्ध करने की बात हैं, मैं बस यही बता सकता हूं कि सुरक्षा परिषद की 1267 समिति के आतंकवादी संगठनों को सूचीबद्ध करने की प्रक्रिया और नियम स्पष्ट हैं।’ पाकिस्तान के करीबी और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में वीटो का अधिकार रखने वाले चीन ने अजहर को अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी के रूप में सूचीबद्ध करने की भारत की कोशिशों को कई बार विफल किया है। उसका कहना है कि इस मुद्दे को लेकर सुरक्षा परिषद में कोई सहमति नहीं है।