दिवाली ‘सार्वभौमिक अवधारणा’ है, जो संस्कृतियों की झलक पेश करती है: उपराष्ट्रपति हैरिस

दिवाली ‘सार्वभौमिक अवधारणा’ है, जो संस्कृतियों की झलक पेश करती है: उपराष्ट्रपति हैरिस

दिवाली ‘सार्वभौमिक अवधारणा’ है, जो संस्कृतियों की झलक पेश करती है: उपराष्ट्रपति हैरिस
Modified Date: November 29, 2022 / 08:45 pm IST
Published Date: October 22, 2022 8:58 am IST

(ललित के. झा)

वाशिंगटन, 22 अक्टूबर (भाषा) अमेरिका की उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने शुक्रवार को कहा कि दिवाली एक सार्वभौमिक अवधारणा है जो संस्कृतियों के बीच मेल मिलाप को प्रस्तुत करती है। उन्होंने अपने सरकारी आवास पर विभिन्न भारतीय-अमेरिकियों के लिए आयोजित दिवाली समारोह में यह बात कही।

उपराष्ट्रपति के सरकारी आवास ‘नेवल ऑब्जरवेटरी’ को रोशनी और मिट्टी के दियों को से सजाया गया था जबकि मेहमानों को ‘पानी पूरी’ से लेकर पारंपरिक मिठाइयों समेत कई तरह के भारतीय व्यंजन परोसे गए। समारोह में शामिल हुए समुदाय के नेताओं ने यह जानकारी दी।

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हैरिस ने सौ से अधिक भारतीय-अमेरिकियों की मौजूदगी में कहा कि दिवाली एक सार्वभौमिक अवधारणा है जो संस्कृतियों के बीच मेल मिलाप को प्रस्तुत करती है। यह अंधेरे पर प्रकाश के महत्व को दर्शाती है और अंधकारमय पलों में रोशनी बिखरेती है।

उन्होंने कहा कि उपराष्ट्रपति के रूप में मेरा मानना है कि हम अपने देश और दुनिया की बड़ी चुनौतियों से मुंह नहीं फेर सकते; दिवाली वह त्योहार है, जो हमें अंधकारमय पलों में प्रकाश का महत्व बताता है।

चेन्नई में बीते बचपन के दौरान अपने नाना-नानी के साथ दिवाली का जश्न मनाने के दिनों को याद करते हुए हैरिस ने कहा कि दिवाली एक परंपरा है।

उन्होंने कहा, “यह संस्कृति है। यह एक सदियों पुरानी अवधारणा है, जो संस्कृतियों और समुदायों के मेल मिलाप को पेश करती है।”

समारोह में सर्जन जनरल डॉ. विवेक मूर्ति, राष्ट्रपति की विशेष सलाहकार नीरा टंडन और बाइडन के भाषण लेखक विनय रेड्डी समेत बाइडन-हैरिस प्रशासन के कई भारतीय अमेरिकी सदस्यों ने शिरकत की। भारत में अमेरिका के राजदूत रहे रिच वर्मा ने भी समारोह में शरीक हुए।

भाषा

जोहेब धीरज

धीरज


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