इमरान खान ने 17 साल कैद की सजा के बाद देशव्यापी विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया

इमरान खान ने 17 साल कैद की सजा के बाद देशव्यापी विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया

इमरान खान ने 17 साल कैद की सजा के बाद देशव्यापी विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया
Modified Date: December 21, 2025 / 01:10 pm IST
Published Date: December 21, 2025 1:10 pm IST

इस्लामाबाद, 21 दिसंबर (भाषा) पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने भ्रष्टाचार के एक मामले में उन्हें और उनकी पत्नी बुशरा बीबी को 17 साल कैद की सजा सुनाए जाने के बाद अपने समर्थकों से देशव्यापी विरोध प्रदर्शन के लिए तैयार रहने का आग्रह किया।

‘तोशाखाना 2’ भ्रष्टाचार मामले में खान और उनकी पत्नी बुशरा को शनिवार को एक अदालत ने 17-17 साल जेल की सजा सुनाई।

तिहत्तर वर्षीय खान अगस्त 2023 से जेल में हैं। अप्रैल 2022 में सत्ता से बाहर होने के बाद से उनके खिलाफ कई मामले दर्ज किए गए हैं। ‘तोशाखाना 2’ मामले में दंपति पर 2021 में सऊदी सरकार से मिले राजकीय उपहारों के संबंध में धोखाधड़ी करने का आरोप है।

 ⁠

खान के ‘एक्स’ पर आधी रात को पोस्ट किए गए एक बयान के अनुसार, ‘‘सैन्य शैली में आए मुकदमे के फैसले’’ के बाद अडियाला जेल में अपने वकीलों के साथ बातचीत में, खान ने अपने समर्थकों से फैसले के बाद विरोध प्रदर्शन करने का आग्रह किया।

यह पता नहीं चल पाया है कि जेल में रहने की वजह से खान के सोशल मीडिया हैंडल तक पहुंच न होने के चलते उनकी बातचीत को उनके निजी खाते पर किसने पोस्ट किया।

उन्होंने कहा, “मैंने (खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री) सोहेल अफरीदी को सड़क पर आंदोलन की तैयारी करने का संदेश भेजा है। पूरे देश को अपने अधिकारों के लिए उठ खड़ा होना होगा।”

खान ने कहा, “संघर्ष ही इबादत है, और मैं पाकिस्तान की सच्ची आजादी के लिए शहादत को गले लगाने के लिए भी तैयार हूं।”

उन्होंने कहा कि नवीनतम फैसला उनके लिए कोई हैरत की बात नहीं है।

पूर्व प्रधानमंत्री ने अपनी कानूनी टीम से इस फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील करने का अनुरोध किया।

खान ने कहा, “पिछले तीन वर्षों के निराधार निर्णयों और सजाओं की तरह, तोशाखाना-दो का फैसला भी मेरे लिए कोई नई बात नहीं है। यह फैसला न्यायाधीश ने बिना किसी सबूत के और कानूनी आवश्यकताओं को पूरा किए बिना जल्दबाजी में दिया है।”

उन्होंने कहा कि उनकी कानूनी टीम की बात तो सुनी तक नहीं गई।

पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा, “कानून की सर्वोच्चता स्थापित करने और संविधान को बहाल करने के संघर्ष के लिए ‘इंसाफ लॉयर्स फोरम’ और अधिवक्ता मोर्चे का आगे आना आवश्यक है। केवल न्याय व्यवस्था ही जनता की रक्षा कर सकती है। इसके बिना न तो आर्थिक प्रगति संभव है और न ही नैतिक विकास।”

उन्होंने अपनी हिरासत के लिए सेना के नेतृत्व पर भी निशाना साधा, लेकिन साथ ही यह भी कहा कि ‘‘फौज मेरी है’’, जिससे सशस्त्र बलों के शीर्ष नेतृत्व पर हमला करते हुए सेना का समर्थन हासिल करने का उनका प्रयास स्पष्ट होता है।

खान ने यह भी आरोप लगाया कि उन्हें और उनकी पत्नी को ‘‘लगातार एकांत कारावास में रखकर मानसिक यातना दी जा रही है।’’

उन्होंने आरोप लगाया, “हमारी किताबों, टीवी और मुलाकातों पर प्रतिबंध है। जेल में हर कैदी टीवी देख सकता है, लेकिन मेरे और बीबी बुशरा के लिए टीवी देखना भी प्रतिबंधित है।”

तोशाखाना मंत्रिमंडल विभाग के तहत आने वाला एक विभाग है जो विदेशी सरकारों के प्रमुखों और विदेशी गणमान्य व्यक्तियों द्वारा पाकिस्तान के शासकों और सरकारी अधिकारियों को दिए गए उपहारों का संग्रह करता है।

उपहारों के एक बार जमा हो जाने के बाद इन्हें उचित नियमों और प्रक्रियाओं का पालन करते हुए वापस खरीदा जा सकता है।

भाषा

नोमान नेत्रपाल

नेत्रपाल


लेखक के बारे में