ऑस्ट्रियाई फिल्म में भारतीय अभिनेता ने निभाई जर्मन भाषी की भूमिका

ऑस्ट्रियाई फिल्म में भारतीय अभिनेता ने निभाई जर्मन भाषी की भूमिका

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  • Publish Date - May 23, 2024 / 02:54 PM IST,
    Updated On - May 23, 2024 / 02:54 PM IST

कान, 23 मई (भाषा) ऑस्ट्रिया की एक फिल्म में एक भारतीय अभिनेता ने जर्मन भाषी की भूमिका निभाई है। वियना में यह फिल्म बनकर तैयार होने वाली है।

भारतीय मूल के ऑस्ट्रियाई फिल्म निर्माता संदीप कुमार द्वारा लिखित और निर्देशित इस फिल्म का शीर्षक ‘हैप्पी’ है। इसमें मुंबई में रहने वाले अभिनेता साहिदुर रहमान ने एक अवैध अप्रवासी की भूमिका निभाई है जो देश छोड़ने के नोटिस के कारण खुद पर पड़े प्रभावों से जूझ रहा है।

रहमान राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (एनएसडी), दिल्ली के छात्र रहे हैं। वह करण तेजपाल की फिल्म ‘स्टोलन’ में थे, जिसका पिछले साल 80वें वेनिस फिल्म महोत्सव में ‘वर्ल्ड प्रीमियर’ हुआ था।

कुमार की पिछली फिल्म ‘मेहरुनिसा’ थी। उन्होंने बताया कि मुख्य किरदार अदा कर रहे रहमान ने शूटिंग शुरू होने से चार महीने पहले जर्मन भाषा सीखी थी।

कुमार ने 77वें कान फिल्म महोत्सव के मौके पर ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘मैंने ‘हैप्पी’ में मुख्य भूमिका निभाने के लिए सबसे पहले मुंबई के एक प्रसिद्ध अभिनेता से संपर्क किया था। उन्हें पटकथा पसंद आई लेकिन उनकी अन्य व्यस्तताओं ने उन्हें इस फिल्म में काम करने से रोका।’’

उन्होंने कहा, ”साहिदुर ने शानदार काम किया है।”

कुमार बताते हैं, ”मेरे दिमाग में यह विचार 2012 से था। वियना के सबवे (भूमिगत मार्ग) और अन्य स्थानों में समाचार पत्र विक्रेता ज्यादातर अप्रवासी हैं जो अनिश्चिततापूर्ण जीवन जीते हैं।’

शुरुआत में कुमार के मन में एक वृत्तचित्र (डॉक्यूमेंट्री) बनाने का विचार था, लेकिन जब उन्होंने लोगों का साक्षात्कार लिया और उनकी कहानियां सुनीं, तो उन्होंने इसे एक ‘फिक्शन’ फिल्म में बदलने का फैसला किया।

वह कहते हैं, ‘मुझे लगा कि मैं फिक्शन (काल्पनिक) फिल्म बनाने में अधिक सहज रहूंगा। डॉक्यूमेंट्री फिल्म निर्माण मेरी विशेषता नहीं है।’’

कुमार ने कहा, 2023 में बड़ी संख्या में अवैध प्रवासियों को ऑस्ट्रिया से निर्वासित किया गया था। ‘समय आ गया था। मुझे बस कहानी बयां करनी थी।’

कुमार कहते हैं, ‘फिल्म नायक के आसपास के लोगों पर भी केंद्रित है जिनके पास सब कुछ है, लेकिन फिर भी उन्हें खुशी हासिल करने के लिए संघर्ष करना पड़ता है।’

भाषा

शुभम वैभव

वैभव