(अदिति खन्ना)
लंदन, 28 अप्रैल (भाषा) हिम तेंदुए के संरक्षण के लिये दुनिया भर में समुदाय के नेतृत्व वाले नजरिये से काम कर रहे भारत के डॉ. चारुदत्त मिश्रा ने इस कोशिश के लिये लंदन में एक प्रतिष्ठित पुरस्कार जीता है।
बुधवार शाम को एक समारोह में ब्रिटेन की वन्यजीव संरक्षण धर्मार्थ संस्था व्हिट्ले फंड फॉर नेचर (डब्ल्यूएफएन) की तरफ से मिश्रा को एक लाख पाउंड का व्हिट्ले गोल्ड अवार्ड दिया गया। संस्था जमीनी स्तर पर संरक्षण कार्य का नेतृत्व करने वालों की मदद करती है। यह पुरस्कार हर महाद्वीप में हिम तेंदुए के संरक्षण के लिए स्थानीय स्तर पर सामुदायिक आधार तैयार करने के वास्ते दिया जाता है।
स्नो लेपर्ड ट्रस्ट (एसएलटी) के पहले अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी निदेशक मिश्रा ने कहा, “यह परियोजना दुनिया भर में संरक्षण में एक महत्वपूर्ण अंतर को पाटने की कोशिश करती है- वह है स्थानीय समुदायों के साथ प्रभावी ढंग से काम करने की हमारी क्षमता, जो संरक्षण प्रयासों में सबसे महत्वपूर्ण हितधारकों में से एक का प्रतिनिधित्व करते हैं।”
उन्होंने कहा, “परियोजना के तहत मेरा दृढ़ विश्वास है कि हम संरक्षण के मामलों में क्या करते हैं यह मायने रखता है, लेकिन हम इसे कैसे करते हैं यह और भी अधिक मायने रखता है।”
डब्ल्यूएफएन के संस्थापक ट्रस्टी एडवर्ड व्हिटली ओबीई ने कहा, “चारु जमीनी दृष्टिकोण का प्रतीक है जिसका समर्थन करने के लिए डब्ल्यूएफएन अस्तित्व में है। स्थानीय लोगों के साथ काम करने के लिए उनके क्रांतिकारी, आजीवन समर्पण ने उच्च हिमालय के समुदायों और उनके हिम तेंदुओं सहित सभी के लाभ के लिए संरक्षण परिदृश्य को नया रूप दिया है। ”
भाषा प्रशांत पवनेश
पवनेश
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