इंडोनेशिया: सुहार्तो को ‘राष्ट्रीय नायक’ घोषित किया गया, मानवाधिकार समूहों ने आपत्ति जताई

इंडोनेशिया: सुहार्तो को ‘राष्ट्रीय नायक’ घोषित किया गया, मानवाधिकार समूहों ने आपत्ति जताई

इंडोनेशिया: सुहार्तो को ‘राष्ट्रीय नायक’ घोषित किया गया, मानवाधिकार समूहों ने आपत्ति जताई
Modified Date: November 10, 2025 / 04:55 pm IST
Published Date: November 10, 2025 4:55 pm IST

जकार्ता, 10 नवंबर (एपी) इंडोनेशिया में पूर्व तानाशाह सुहार्तो को सोमवार को ‘राष्ट्रीय नायक’ घोषित किया गया। हालांकि, मानवाधिकार समूहों ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि यह कदम सुहार्तो के 32 साल के शासनकाल के दौरान हुए मानवाधिकार हनन और भ्रष्टाचार को छिपाने का प्रयास है।

सुहार्तो शीत युद्ध के दौरान अमेरिका के करीबी सहयोगी थे। कहा जाता है कि उनकी तानाशाही हुकूमत के दौरान दस लाख से अधिक राजनीतिक विरोधियों की हत्या कर दी गई। 1998 में बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शनों के कारण उन्हें राष्ट्रपति पद छोड़ना पड़ा था।

सुहार्तो उन 10 लोगों में शामिल थे, जिन्हें राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांटो ने राष्ट्रीय नायक दिवस के अवसर पर जकार्ता में राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में ‘राष्ट्रीय नायक’ घोषित किया।

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प्रबोवो के सुहार्तो से घनिष्ठ संबंध थे, जिनके अधीन वह इंडोनेशिया की विशेष बल इकाई में शीर्ष पद तक पहुंचे थे, जिस पर बड़े पैमाने पर मानवाधिकार हनन का आरोप था। 1983 में उन्होंने सुहार्तो की बेटी सीती हेदियाती हरियादी से शादी रचाई थी। हालांकि, दोनों 1998 में अलग हो गए।

समारोह के बाद प्रबोवो ने न तो कोई टिप्पणी की, न ही कोई बयान जारी किया।

संस्कृति मंत्री फदली जोन ने कहा कि सुहार्तो ने डच औपनिवेशिक शासकों के खिलाफ आजादी की लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी और बाद में एक सैन्य अभियान के कमांडर के रूप में काम किया था, जिससे मौजूदा पश्चिमी पापुआ पर नियंत्रण हासिल करने में मदद मिली।

जोन ने सुहार्तो को गरीबी उन्मूलन, मुद्रास्फीति पर नियंत्रण और कम्युनिस्ट विद्रोह को कुचलने का भी श्रेय दिया। उन्होंने सुहार्तो के शासनकाल में भ्रष्टाचार और गंभीर मानवाधिकार हनन के आरोपों को अप्रमाणित बताते हुए खारिज कर दिया।

एपी पारुल नरेश

नरेश


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