जेल में कैदी नहीं चलाते, जिससे बाहर आने पर उन्हें होती है परेशानी

जेल में कैदी नहीं चलाते, जिससे बाहर आने पर उन्हें होती है परेशानी

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  • Publish Date - April 19, 2024 / 06:34 PM IST,
    Updated On - April 19, 2024 / 06:34 PM IST

( ये इन (जेन) ह्वांग, यूएनएसडब्ल्यू सिडनी) द्वारा

सिडनी, 19 अप्रैल (द कन्वरसेशन) आज की दुनिया में आपको रोजमर्रा की जिंदगी में ऐसा कोई भी पहलू खोजने में कठिनाई होगी जिसके लिए किसी प्रकार की डिजिटल साक्षरता की आवश्यकता नहीं है। हमें यह समझने के लिए केवल दस साल पीछे देखने की जरूरत है कि चीजें कितनी तेजी से बदल गई हैं।

2013 में, हम अभी भी मुख्य रूप से पेपर बस टिकट खरीद रहे थे और डेस्कटॉप कंप्यूटर पर फेसबुक का उपयोग कर रहे थे। अब, हम कोड स्कैन करके खाना ऑर्डर करते हैं और भुगतान करने के लिए अपने कार्ड पर टैप करते हैं।

डिजिटल समावेशन (किसी की प्रौद्योगिकी के साथ तालमेल बिठाने की क्षमता) एक महत्वपूर्ण स्वास्थ्य और सामाजिक समानता का मुद्दा है, जो कि कोविड ​​​​महामारी के दौरान उत्पन्न हुए डिजिटल विकास से तेजी से बढ़ गया है।

जो लोग डिजिटल बहिष्कार से ग्रस्त हैं, उनमें एक समूह ऐसा भी है, जो कई प्रवृत्तियों के टकराव के कारण इससे सबसे अधिक प्रभावित हो सकता है। यह वह लोग हैं जो एक लंबा अर्सा जेल में बिताने के बाद बड़ी उम्र में समाज में फिर से प्रवेश कर रहे हैं, या लंबे समय तक जेल मे रहे हैं।

एक नए अध्ययन में, हमने पूर्व कैदियों से वर्षों तक सर्वव्यापी प्रौद्योगिकी को अपनाने के प्रयास के बाद उनके अनुभवों के बारे में बात की।

अपरिचित तकनीक आत्मविश्वास को नुकसान पहुंचा रही है

दुनिया भर में जेलों की आबादी कुछ कारणों से बढ़ती जा रही है, जिनमें सामान्य आबादी की उम्र बढ़ना, अधिक उम्र में जेल में प्रवेश करने वाले लोगों का रुझान या लंबे समय तक जेल में रहना शामिल है। साथ ही, ऑस्ट्रेलियाई जेलों में ज्यादातर सुरक्षा कारणों से तकनीकी रूप से अत्यधिक प्रतिबंधित वातावरण होता है।

हमने जेल से रिहाई के बाद पुन:एकीकरण के उनके अनुभवों के बारे में 15 आस्ट्रेलियाई लोगों (उम्र 47-69 वर्ष) का साक्षात्कार लिया।

साक्षात्कारकर्ताओं (मुख्य रूप से पुरुष) ने तनावपूर्ण और परेशानी भरे समय को याद किया। उन्होंने ऐसा महसूस किया जैसे कि एक अजनबी को ऐसी दुनिया में फेंक दिया गया हो जहां जीवित रहना प्रौद्योगिकी का उपयोग करने की उनकी क्षमता पर निर्भर था।

कारावास से पहले उनके अनुभवों के बावजूद, दैनिक कार्यों के तेजी से डिजिटलीकरण ने, जो कभी उनसे परिचित थे, उनके कौशल और आत्मविश्वास को अप्रासंगिक बना दिया। एक पूर्व कैदी ने कहा: ‘‘जिस किसी के साथ भी ऐसा हुआ है, उसके लिए एक महत्वपूर्ण अंतर है, मैं कहूंगा, शायद पांच से सात साल से अधिक [जेल में]। क्योंकि चीजें इतनी जल्दी बदलती हैं […] उन्हें नहीं पता कि क्या होता है दुनिया कैसी दिखती है।’’

इससे उनकी स्वयं की भावना और आत्म-प्रभावकारिता पर गहरा प्रभाव पड़ा और उनके द्वारा अनुभव किए गए अपमान के एहसास में वृद्धि हुई, जिससे पहले से ही तनावपूर्ण समय में एक भारी मनोवैज्ञानिक और भावनात्मक बोझ बढ़ गया। उन्होंने हमसे कहा: ‘‘आप चाहते हैं कि या तो आप कहीं गुम हो जाएं और या फिर इसमें फिट हो जाएं और भीड़ का हिस्सा बन जाएं। क्योंकि जेल से निकलने वाले बहुत से लोग अपने अपराध या अपने अपमान का बोझ अपने कंधों पर ढोते रहते है।’’

दोबारा जेल जाने की आशंका को बढ़ाना

जेल जाने के बाद समाज में दोबारा अपनी जगह बनाना पहले से ही एक चुनौती है। जेल से बाहर आने के बाद दोबारा जेल जाने की आशंका, रिहाई के बाद मृत्यु दर का जोखिम, सामाजिक अलगाव, बेरोजगारी और बेघर होने के संबंध में साक्ष्य मौजूद हैं।

डिजिटल बहिष्कार उन वृद्ध लोगों के लिए एक अतिरिक्त बाधा उत्पन्न करता है, जो पहले से ही चिकित्सा और सामाजिक हाशिए पर जाने के उच्च जोखिम का सामना करते हैं। एक पूर्व कैदी ने कहा: ‘‘इसके बारे में सोचो, दस साल जेल में रहने के बाद, ठीक है, मैं कहां से शुरू करूं? और सब कुछ कठिन है। और कभी-कभी यही कारण है कि लोग उन्हीं स्थितियों में वापस आ जाते हैं क्योंकि यह बहुत कठिन है।’’

प्रौद्योगिकी ऑस्ट्रेलियाई जेलों से पूरी तरह से अनुपस्थित नहीं है, लेकिन साक्षात्कारकर्ताओं ने कार्यक्रमों और प्रौद्योगिकी को पुराना, बुनियादी या उनके तत्काल दैनिक, रिहाई के बाद के जीवन के लिए प्रासंगिक बताया।

एनएसडब्ल्यू जेलों में टचस्क्रीन डिवाइस लाने के हालिया प्रयास सकारात्मक बदलाव का सुझाव देते हैं। हालाँकि, हमारे साक्षात्कारकर्ताओं ने दावा किया कि इनके आसपास शिक्षा की कमी थी, जिससे जेल के भीतर भी डिजिटल विभाजन का खतरा बढ़ गया था।

क्या किया जा सकता है?

रिहाई से पहले और बाद में इस आबादी की विशिष्ट आवश्यकताओं के अनुरूप विशिष्ट डिजिटल साक्षरता या प्रौद्योगिकी तत्परता कार्यक्रमों में निवेश किया जाना चाहिए।

साक्षात्कारकर्ताओं ने इस बारे में सुझाव दिए कि ऐसे कार्यक्रमों को कैसे तैयार किया जा सकता है और वह उनके साथ जुड़ने के लिए उत्सुक दिखाई दिए। वे व्यावहारिक अनुभव और आमने-सामने के समर्थन के साथ, अपने साक्षरता स्तर या अपने अतीत को लेकर कोई राय कायम करने से मुक्त वातावरण में सीखने पर ध्यान केंद्रित करना चाहते थे।

साक्षात्कारकर्ताओं ने जेल में रहते हुए सीखने का समर्थन किया, जबकि बाहर अतिरिक्त सहायता उपलब्ध थी। तीन साक्षात्कारकर्ताओं ने कहा: ‘‘यदि वे इसे किसी भी तरह से इन कार्यक्रमों को जेलों में शामिल कर सकते हैं और यह सिखा सकते हैं कि उनका उपयोग कैसे करना है और ऐप कैसे डाउनलोड करना है और बुनियादी ऐप का उपयोग कैसे करना है, तो जब वे बाहर निकलेंगे तो उनके लिए जीवन काफी बेहतर होगा।’’

व्यापक स्तर पर, जेल में लोगों के डिजिटल समावेशन में सुधार के लिए सरकारी हितधारकों और समुदाय द्वारा दृष्टिकोण में बदलाव की आवश्यकता है। अंततः, यह उन प्रथाओं के प्रति प्रतिबद्धता की मांग करता है जो सुरक्षा और अलगाव के लिए प्रतिस्पर्धी जरूरतों का प्रबंधन करते हुए पुनर्वास को केंद्र में रखती हैं।

सबूतों के आधार पर, हम निश्चिंत हो सकते हैं कि इससे जेलों से रिहा होने वाले 95 प्रतिशत ऑस्ट्रेलियाई कैदियों में सकारात्मक बदलाव को बढ़ावा मिलेगा।

द कन्वरसेशन एकता एकता

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