ब्रिटेन का दावा है कि वीजा कार्रवाई के बाद छात्र आश्रितों की संख्या में भारी गिरावट आई

ब्रिटेन का दावा है कि वीजा कार्रवाई के बाद छात्र आश्रितों की संख्या में भारी गिरावट आई

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  • Publish Date - May 1, 2024 / 06:47 PM IST,
    Updated On - May 1, 2024 / 06:47 PM IST

(अदिति खन्ना)

लंदन, एक मई (भाषा) इस साल की शुरुआत से प्रभावी छात्र वीजा नियम के बाद विदेशी छात्रों के साथ आने वाले आश्रितों या निकट परिजनों जैसे पति, पत्नी और बच्चों की संख्या में “महत्वपूर्ण गिरावट” देखने को मिली है। ब्रिटिश सरकार ने इसका स्वागत किया है।

ब्रिटेन के गृह विभाग का कहना है कि पिछले साल की तुलना में इस साल जनवरी से लेकर मार्च के महीने में छात्रों के साथ आने वाले आश्रितों की संख्या में 80 प्रतिशत तक गिरावट देखने को मिली है। इसके अलावा इस बार 26,000 से कम छात्रों ने वीजा का लिये आवेदन किया।

ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने सोशल मीडिया पर एक बयान में कहा कि आंकड़ों का मतलब है कि देश की वीजा प्रणाली में उनके द्वारा किए गए बदलाव काम कर रहे हैं।

उन्होंने कहा, “परिजनों और आश्रितों को ब्रिटेन लाने वाले छात्रों की संख्या बहुत अधिक थी। यह उचित नहीं था।”

उन्होंने कहा, “हमारे बदलाव काम कर रहे हैं – छात्रों के आश्रित लोगों की संख्या में अब 80 प्रतिशत की कमी आई है।”

जनवरी से प्रभावी नियमों के तहत, अनुसंधान पाठ्यक्रमों को छोड़कर अधिकतर अंतरराष्ट्रीय छात्र परिजनों को साथ नहीं ला सकते हैं। अब वे अपना पाठ्यक्रम पूरा करने से पहले अपना वीजा नहीं बदल सकते हैं। सरकार ने दावा किया है कि पहले ब्रिटेन में काम करने के लिए “पिछले दरवाजे” के रूप में छात्र वीजा का दुरुपयोग किया गया। नए नियम के तहत “शिक्षा नहीं आव्रजन बेचने” वाले संस्थानों पर गृह विभाग की तरफ से व्यापक दबाव बनाया गया है।

हाल के वर्षों में अंतरराष्ट्रीय छात्र वीजा मामले में भारतीयों सबसे आगे रहे हैं और ये आंकड़े दर्शाते हैं कि इस साल की शुरुआत में देखी गई गिरावट का मतलब यह हो सकता है कि कम भारतीय छात्र ब्रिटेन के विश्वविद्यालयों को चुन रहे हैं।

ब्रिटेन के गृह मंत्री जेम्स क्लेवरली के कार्यालय ने उनकी वीजा कार्रवाई के प्रभाव को उजागर करने के लिए अंतरिम आंकड़े जारी किए। क्लेवरली ने कहा, “लगातार बढ़ती संख्या हमारी आव्रजन प्रणाली में ब्रिटिश लोगों का भरोसा कम कर रही है, सार्वजनिक सेवाओं पर बोझ डाल रही है और वेतन को कम कर रही है।”

उन्होंने कहा, “जब मैंने कानूनी प्रवासन में अब तक की सबसे बड़ी कटौती करने का वादा किया, तो मुझे पता था कि हमें व्यावहारिक रूप से जल्द से जल्द अपनी कार्रवाई का प्रभाव दिखाने के लिए भी काम करना चाहिए…यह रेखांकित करता है कि देखभाल कार्यकर्ता आश्रितों की अस्थिर संख्या में कटौती के लिए आवश्यक कार्रवाई क्यों की गई थी।”

मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ऋषि सुनक के नेतृत्व वाली सरकार की “प्रवासन में कटौती” योजना में अभी और चीजें सामने आनी बाकी हैं।

फरवरी के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 2019 और 2023 के बीच अध्ययन वीजा पाने वाले भारतीयों की संख्या में 85,849 की वृद्धि हुई – जो ब्रिटेन में अंतरराष्ट्रीय छात्रों का उच्चतम समूह है। हालांकि, 2023 में भारतीय नागरिकों को 1,20,110 अध्ययन वीजा मिला जो 2022 की तुलना में 14 प्रतिशत कम था – जो पहले से ही कड़े वीजा मानदंडों के बीच गिरावट का संकेत दे रहा है।

भाषा प्रशांत माधव

माधव