अफगानिस्तान में असुरक्षा, हिंसा के कारण जनवरी से करीब 2,70,000 लोग हुए विस्थापित: संरा

अफगानिस्तान में असुरक्षा, हिंसा के कारण जनवरी से करीब 2,70,000 लोग हुए विस्थापित: संरा

अफगानिस्तान में असुरक्षा, हिंसा के कारण जनवरी से करीब 2,70,000 लोग हुए विस्थापित: संरा
Modified Date: November 29, 2022 / 07:48 pm IST
Published Date: July 14, 2021 5:29 am IST

(योषिता सिंह)

संयुक्त राष्ट्र, 14 जुलाई (भाषा) संयुक्त राष्ट्र की शरणार्थी संबंधी मामलों की एजेंसी ने बताया कि अफगानिस्तान में असुरक्षा तथा हिंसा के कारण जनवरी से करीब 2,70,000 लोग विस्थापित हुए हैं। साथ ही एजेंसी ने तालिबान लड़ाकों द्वारा बड़ी संख्या में क्षेत्रों पर तेजी से कब्जा करने और युद्धग्रस्त देश से अमेरिकी सैनिकों की वापसी पर सुरक्षा चिंताओं के बढ़ने पर अफगानिस्तान में एक आसन्न मानवीय संकट को लेकर आगाह किया।

संयुक्‍त राष्‍ट्र शरणार्थी उच्‍चायुक्‍त कार्यालय (यूएनएचसीआर) ने कहा , ‘‘अफगानिस्तान में बढ़ते मानवीय संकट के कारण मानवीय पीड़ा और नागरिकों के विस्थापन में वृद्धि हुई है।’’

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यूएनएचसीआर के प्रवक्ता बाबर ब्लौच ने मंगलवार को जिनेवा में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि जनवरी 2021 से अब तक 2,70,000 अफगान नागरिक देश के अंदर विस्थापित हुए हैं। इसका मुख्य कारण असुरक्षा और हिंसा है। इसके साथ ही विस्थापित हुए लोगों की संख्या बढ़कर 35 लाख के पार चली गई।

एजेंसी ने कहा, ‘‘ हालिया सप्ताह में अपने घरों से भागने के लिए मजबूर परिवारों ने इसके लिए बिगड़ती सुरक्षा स्थिति को बड़ा कारण बताया है।’’ यहा एक चेतावनी है कि अफगानिस्तान में शांति समझौते तक पहुंचने तथा वर्तमान हिंसा को रोकने में विफलता से देश के भीतर साथ ही पड़ोसी देशों और उससे आगे भी विस्थापन होगा।

अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र के मिशन के अनुसार, 2020 की तुलना में इस साल पहली तिमाही में लोगों के हताहत होने के मामलों में 29 प्रतिशत वृद्धि हुई है। इनमें से अधिकतर महिलाएं और बच्चे हैं।

ब्लौच ने कहा, ‘‘ लंबे समय तक संघर्ष, विस्थापन के बढ़ते मामलों, कोविड-19 के प्रभाव, सूखे सहित प्राकृतिक आपदाओं और गहराती गरीबी अफगानिस्तान के लोगों की सहन करने की क्षमता के पार हो गई है। अफगानिस्तान की करीब 65 प्रतिशत आबादी बच्चे या युवकों की है।’’

विस्थापित नागरिकों ने यूएनएचसीआर और सहयोगियों को चल रही लड़ाई के अलावा, राज्येतर सशस्त्र समूहों द्वारा जबरन वसूली की घटनाओं और प्रमुख सड़कों पर आईईडी लगाए जाने के बारे में भी बताया। कई लोगों ने सामाजिक सेवाओं में रुकावट और बढ़ती असुरक्षा के कारण आय के नुकसान की सूचना दी है।

उन्होंने कहा कि यूएनएचसीआर और उसके सहयोगी, एक समन्वित प्रतिक्रिया के हिस्से के रूप में, कमजोर समूहों तक पहुंचने में चुनौतियों के बावजूद, उक्त विस्थापित अफगानिस्तान के लोगों को आपातकालीन आश्रय, भोजन, स्वास्थ्य, पानी, स्वच्छता संबंधी सामान और नकद मुहैया करा उनकी सहायता कर रहे हैं।

भाषा निहारिका शाहिद

शाहिद


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