यरूशलम, 10 जून (एपी) इजराइल ने कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग को मंगलवार को निर्वासित कर दिया और इसके बाद वह पेरिस पहुंच गईं। वह जिस जहाज पर सवार थीं, उसे इजराइली सेना द्वारा जब्त किए जाने के एक दिन बाद यह घटनाक्रम हुआ।
इजराइल के विदेश मंत्रालय ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर विमान में सवार थनबर्ग की एक तस्वीर साझा करते हुए लिखा कि थनबर्ग विमान से फ्रांस पहुंचने के बाद अपने देश स्वीडन रवाना हो गईं।
इसने हवाई यात्रा से परहेज करने वाली जलवायु कार्यकर्ता थनबर्ग की एक तस्वीर पोस्ट की, जिसमें वह एक विमान में बैठी हुई दिखाई देती हैं।
पेरिस के ‘चार्ल्स डी गॉल’ हवाई अड्डे पर पहुंचने के बाद थनबर्ग ने ‘फ्रीडम फ्लोटिला’ समूह के हिरासत में लिए गए अन्य कार्यकर्ताओं की रिहाई की मांग की। उन्होंने हिरासत के दौरान ‘‘काफी अराजक और अनिश्चित’’ स्थिति का वर्णन किया।
उन्होंने कहा कि जिन परिस्थितियों का उन्होंने सामना किया, “उनकी तुलना में वे कुछ भी नहीं हैं, जिनसे फलस्तीन और विशेष रूप से गाजा में लोग अभी गुजर रहे हैं।”
थनबर्ग ने कहा, ‘‘हम इस मिशन के जोखिमों से अच्छी तरह वाकिफ थे। इसका उद्देश्य गाजा पहुंचना और सहायता वितरित करना था।’’
उन्होंने कहा कि कार्यकर्ता गाजा को सहायता पहुंचाने का प्रयास जारी रखेंगे।
थनबर्ग गाजा में सहायता सामग्री ले जा रहे ‘मैडलीन’ नामक जहाज पर सवार 12 यात्रियों में से एक थीं।
‘फ्रीडम फ्लोटिला कोलिशन’ नामक संगठन ने गाजा पट्टी में मानवीय सहायता पहुंचाने के लिए इस यात्रा का आयोजन किया था।
संगठन ने बताया कि इजराइली नौसेना बलों ने जहाज को गाजा से करीब 200 किलोमीटर की दूरी पर अंतरराष्ट्रीय जलक्षेत्र में जब्त कर लिया।
संगठन समेत अन्य अधिकार समूहों ने इजराइल के कदमों को अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन बताया।
इजराइल ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि ऐसे जहाज गाजा की उसकी नौसैनिक नाकाबंदी का उल्लंघन करते हैं।
इजराइल के विदेश मंत्रालय के अनुसार, इजराइली नौसेना के साथ इस जहाज को सोमवार शाम इजराइल के बंदरगाह अशदोद लाया गया।
थनबर्ग और अन्य कार्यकर्ताओं का प्रतिनिधित्व करने वाले कानूनी अधिकार समूह अदाला ने कहा कि थनबर्ग, दो अन्य कार्यकर्ता और एक पत्रकार निर्वासन एवं इजराइल छोड़ने के लिए सहमत हो गए हैं।
इसने बताया कि अन्य कार्यकर्ताओं ने निर्वासन से इनकार कर दिया, उन्हें हिरासत में रखा जा रहा है और उनके मामले की सुनवाई इजराइली प्राधिकारी करेंगे।
यूरोपीय संसद की फ्रांसीसी सदस्य रीमा हसन भी जहाज पर मौजूद कार्यकर्ताओं में शामिल थीं। वह फलस्तीनी मूल की हैं। फलस्तीनियों के प्रति इजराइल की नीतियों का विरोध करने के कारण उन्हें इजराइल में प्रवेश करने से रोक दिया गया है। यह तुरंत स्पष्ट नहीं हो पाया कि उन्हें तुरंत निर्वासित किया जा रहा है या हिरासत में लिया जा रहा है।
फ्रांस के विदेश मंत्री जीन-नोएल बैरोट ने मंगलवार को कहा कि हिरासत में लिए गए फ्रांसीसी कार्यकर्ताओं में से एक ने निष्कासन आदेश पर हस्ताक्षर किए हैं और वह मंगलवार को इजराइल छोड़कर फ्रांस चला जाएगा तथा अन्य पांच ने इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि सभी कार्यकर्ताओं को वाणिज्यदूत से मुलाकात की सुविधा दी गई।
अधिकार समूह अदाला ने कहा कि इजराइल के पास जहाज को अपने कब्जे में लेने का ‘‘कोई कानूनी अधिकार’’ नहीं है, क्योंकि वह अंतरराष्ट्रीय जल में था और यह इजराइल की ओर नहीं, बल्कि फलस्तीन के जलीय क्षेत्र की ओर जा रहा था।
एपी नेत्रपाल रंजन
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