जयशंकर ने उज्बेकिस्तान, कजाखस्तान के समकक्षों से की मुलाकात

जयशंकर ने उज्बेकिस्तान, कजाखस्तान के समकक्षों से की मुलाकात

जयशंकर ने उज्बेकिस्तान, कजाखस्तान के समकक्षों से की मुलाकात
Modified Date: November 29, 2022 / 08:37 pm IST
Published Date: September 10, 2020 10:51 am IST

मास्को, 10 सितंबर (भाषा) विदेश मंत्री एस जयशंकर ने उज्बेकिस्तान के अपने समकक्ष अब्दुल अजीज कामिलोव और कजाखस्तान के अपने समकक्ष मुख्तार तिलेउबर्दी के साथ यहां अलग-अलग बैठकें कीं और क्षेत्रीय चिंताओं एवं सुरक्षा के मामलों पर मध्य एशियाई देशों के साथ सहयोग पर सहमति जताई।

जयशंकर शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के विदेश मंत्रियों की बैठक में भाग लेने के लिए रूस की चार दिवसीय यात्रा पर यहां आए हैं।

उन्होंने बृहस्पतिवार की सुबह कामिलोव के साथ सौहार्दपूर्ण बैठक की।

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जयशंकर ने ट्वीट किया, ‘‘उज्बेकिस्तान के विदेश मंत्री के साथ सौहार्दपूर्ण बैठक से दिन की शुरुआत की।’’

उन्होंने कहा, ‘‘क्षेत्रीय चिंताओं से निपटने के लिए करीबी समन्वय स्थापित करने पर सहमति जताई। हम हमारी बढ़ती विकास साझेदारी को आगे लेकर जाएंगे। मैं मध्य एशिया मामलों में उज्बेकिस्तान की अहम भूमिका की सराहना करता हूं।’’

ताशकंद में भारतीय दूतावास ने कहा कि उज्बेकिस्तान और भारत के संबंध काफी पुराने हैं। संस्कृत और पाली साहित्य में कम्बोज का कई बार जिक्र किया गया है। ऐसा बताया जताया है कि कम्बोज में मौजूदा उज्बेकिस्तान के हिस्से शामिल थे। शक समुदाय ने कौरवों के पक्ष में महाभारत में भाग लिया था। प्राचीन व्यापार मार्ग उत्तरापथ उज्बेकिस्तान से होकर जाता था।

सोवियत काल में उज्बेकिस्तान से भारत का निकट संवाद था। भारतीय नेता ताशकंद और अन्य स्थानों पर कई बार गए। पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री का पाकिस्तान के साथ ताशकंद घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर के बाद 11 जनवरी, 1966 को ताशकंद में निधन हुआ था।

कामिलोव से मुलाकात के बाद जयशंकर ने तिलेउबर्दी के साथ बैठक की।

जयशंकर ने ट्वीट किया, ‘‘एससीओ शिखर सम्मेलन से पहले कजाखस्तान के अपने समकक्ष से मुलाकात करके खुशी हुई।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हमने व्यापार और ऊर्जा क्षेत्र में आदान-प्रदान पर चर्चा की। हम शांतिरक्षा के मामले पर निकटता से काम करना और क्षेत्रीय शांति एवं सुरक्षा पर सहयोग करना जारी रखेंगे।’’

भारत और कजाखस्तान के बीच संबंध 2,000 साल से भी अधिक पुराने हैं। कजाखस्तान ने दिसंबर 1991 में अपनी स्वतंत्रता की घोषणा की थी और भारत इसे सबसे पहले मान्यता देने वाले देशों में शामिल है।

दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंध फरवरी 1992 में स्थापित किए गए थे।

इससे पहले, जयशंकर ने बुधवार को यहां किर्गिस्तान और ताजिकिस्तान के अपने समकक्षों के साथ अलग-अलग द्विपक्षीय बैठकें कीं थीं और दोनों मध्य एशियाई देशों के साथ भारत की रणनीतिक साझेदारी को और अधिक मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की थी।

भाषा सिम्मी शाहिद

शाहिद


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