पत्रकार जो भी लिखते हैं, ट्वीट करते हैं या कहते हैं उसके लिए उन्हें जेल नहीं भेजा जाना चाहिए: संरा

पत्रकार जो भी लिखते हैं, ट्वीट करते हैं या कहते हैं उसके लिए उन्हें जेल नहीं भेजा जाना चाहिए: संरा

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  • Publish Date - June 29, 2022 / 12:57 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:48 PM IST

(योषिता सिंह)

संयुक्त राष्ट्र, 29 जून (भाषा) संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस के एक प्रवक्ता ने भारत में ऑल्ट न्यूज के सह संस्थापक मोहम्मद जुबैर की गिरफ्तारी का हवाला देते हुए कहा है कि पत्रकार “जो कुछ भी लिखते हैं, ट्वीट करते हैं या कहते हैं” उसके लिए उन्हें जेल नहीं भेजा जाना चाहिए। प्रवक्ता ने कहा कि यह आवश्यक है कि लोगों को निडर होकर अपनी बात कहने की अनुमति दी जाए।

जुबैर को एक हिन्दू देवता के बारे में 2018 में किये गए एक आपत्तिजनक ट्वीट के मामले में सोमवार को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था।

इस मुद्दे पर मंगलवार को पूछे गए एक सवाल के जवाब में महासचिव के प्रवक्ता स्टीफेन दुजारिक ने कहा, “मुझे लगता है कि पहली बात तो यह है कि दुनिया में कहीं पर भी यह बेहद जरूरी है कि लोगों को खुलकर अपनी बात कहने की अनुमति दी जाए। पत्रकारों को मुक्त होकर और किसी भय के बिना अपनी बात कहने की इजाजत होनी चाहिए।”

पाकिस्तान के एक पत्रकार ने पूछा था कि क्या वह जुबैर की रिहाई का आह्वान करते हैं, इसके जवाब में दुजारिक ने कहा, “पत्रकार जो कुछ भी कहते हैं, लिखते हैं या ट्वीट करते हैं इसके लिए उन्हें जेल नहीं भेजा जाना चाहिए। यह दुनिया में हर जगह लागू होता है।” इस बीच, एक गैर सरकारी संगठन ‘कमेटी टू प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट्स’ (सीपीजे) ने भी जुबैर की गिरफ्तारी की निंदा की है।

वाशिंगटन में सीपीजे के एशिया कार्यक्रम समन्वयक स्टीवन बटलर ने कहा, “पत्रकार मोहम्मद जुबैर की गिरफ्तारी से भारत में प्रेस की स्वतंत्रता का स्तर और नीचे चला गया है। सरकार ने सांप्रदायिक मुद्दों से जुड़ी खबरें प्रकाशित करने वाले प्रेस के सदस्यों के लिए एक असुरक्षित शत्रुतापूर्ण माहौल बना दिया है।”

उन्होंने कहा, “अधिकारियों को तत्काल और बिना किसी शर्त के जुबैर को रिहा करना चाहिए और उन्हें बिना किसी दखलंदाजी के अपनी पत्रकारिता करने देना चाहिए।”

जुबैर की गिरफ्तारी से पहले गुजरात पुलिस ने तीस्ता सीतलवाड़ को, 2002 गुजरात दंगों के सिलसिले में आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी और निर्दोष लोगों को फंसाने के लिए अदालत में गलत साक्ष्य पेश करने के आरोप में गिरफ्तार किया था।

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार संस्था ने सामाजिक कार्यकर्ता सीतलवाड़ की गिरफ्तारी पर चिंता व्यक्त की है और उन्हें तत्काल रिहा करने की मांग की है।

भाषा यश प्रशांत

प्रशांत यश