बड़ी खबर: महात्मा गांधी की परपोती को हुई 7 साल की सजा, जानिए किस जुर्म में कोर्ट ने दिया दोषी करार

बड़ी खबर: महात्मा गांधी की परपोती को हुई 7 साल की सजा, जानिए किस जुर्म में कोर्ट ने दिया दोषी करार

बड़ी खबर: महात्मा गांधी की परपोती को हुई 7 साल की सजा, जानिए किस जुर्म में कोर्ट ने दिया दोषी करार
Modified Date: November 29, 2022 / 08:30 pm IST
Published Date: June 8, 2021 10:31 am IST

डरबन। महात्मा गांधी की परपोती आशीष लता रामगोबिन (Ashish Lata Ramgobin) को दक्षिण अफ्रीका में डरबन की एक अदालत ने 7 साल जेल की सजा सुनाई है, कोर्ट ने करीब 3.22 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी और जालसाजी के मामले में उनकी भूमिका के लिए दोषी करार दिया है।

वेबसाइट WION के अनुसार, 56 वर्षीय आशीष लता रामगोबिन पर यह आरोप है कि उन्होंने बिजनेसमैन एसआर महाराज के साथ फ्राड किया, एसआर महाराज ने उन्हें भारत में मौजूद एक कंसाइनमेंट के लिए आयात और सीमा शुल्क के तौर पर 6.2 मिलियन रैंड (अफ्रीकन मुद्रा) एडवांस में दिए थे, आशीष लता रामगोबिन ने उस मुनाफे में हिस्सेदारी देने की बात कही थी।

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बता दें कि आशीष लता रामगोबिन मशहूर एक्टिविस्ट इला गांधी (Ela Gandhi) और दिवंगत मेवा रामगोविंद की बेटी है, जिन्होंने दक्षिण अफ्रीका में अपने कार्यकाल के दौरान महात्मा गांधी द्वारा स्थापित फीनिक्स सेटलमेंट को पुनर्जीवित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

सन 2015 में लता रामगोबिन के खिलाफ मामले की सुनवाई के दौरान राष्ट्रीय अभियोजन प्राधिकरण (NPA) के ब्रिगेडियर हंगवानी मुलौदजी ने कहा था कि आशीष लता रामगोबिन ने संभावित निवेशकों को कथित रुप से जाली चालान और दस्तावेज दिए थे, जिसके जरिए वह निवेशकों को बता रहीं थीं कि लिनन के तीन कंटेनर भारत से भेजे जा रहे हैं।

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एनपीए (NPA) की प्रवक्ता नताशा कारा ने सोमवार को बताया, ‘लता रामगोबिन ने कहा था कि उन्हें आयात लागत और सीमा शुल्क का भुगतान करने के लिए वित्तीय कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा था, उन्हें बंदरगाह पर सामान खाली करने के लिए पैसे की जरूरत थी।’ इसके बाद लता रामगोबिन ने महाराज से कहा कि उन्हें 6.2 मिलियन रैंड की जरुरत है, उन्हें समझाने के लिए इससे संबंधित दस्तावेज भी दिखाए, जिसमें माल की खरीद से संबंधित दस्तावेज थे। इसके एक महीने बाद फिर से लता रामगोबिन ने एसआर महाराज को एक और दस्तावेज भेजा जो नेटकेयर चालान था, जिससे यह पता चलता था कि माल डिलीवर हो गया है और उसका भुगतान नहीं हुआ है।

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लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com