(मानस प्रतिम भुइयां)
सेविले(स्पेन), 17 सितंबर (भाषा) स्पेन में भारत के राजदूत दिनेश के. पटनायक ने कहा है कि 40 एयरबस सी295 परिवहन विमानों का भारत में उत्पादन ‘परिवर्तनकारी’ साबित होगा। साथ ही, इससे देश में विश्वस्तरीय विमान विनिर्माण का परिवेश तैयार होगा, जिससे दीर्घकाल में देश में अन्य विमानों के विनिर्माण में भी मदद मिलेगी।
एयरबेस डिफेंस एंड स्पेस से 21,935 करोड़ रुपये में विमान खरीदने के करार के करीब दो साल बाद बुधवार को भारतीय वायुसेना को पहला सी295 विमान प्राप्त हुआ।
इसके तहत एयरबस शुरुआत में सोलह सी295 विमान को तैयार स्थिति में 2025 तक सेविले के संयंत्र से आपूर्ति करेगी और इसके बाद बाकी के 40 विमानों का विनिर्माण और ‘असेंबलिंग’ भारत में टाटा एडवांस सिस्टम्स (टीएएसएल), दोनों कंपनियों के बीच औद्योगिक साझेदारी के तहत करेगी।
पटनायक ने ‘पीटीआई-भाषा’ के साथ एक साक्षात्कार में कहा, ‘‘सी295 परियोजना परिवर्तनकारी होगी क्योंकि इससे भारत में विश्व स्तरीय विमान विनिर्माण परिवेश तैयार होगा।’’
‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत पहले सी295 विमान की आपूर्ति वडोदरा के विनिर्माण केंद्र से सितंबर 2026 में होने की उम्मीद है, जबकि अंतिम विमान की आपूर्ति वायुसेना को अगस्त 2031 में होने की संभावना है। यह पहली बार होगा, जब भारत में किसी सैन्य विमान का विनिर्माण निजी कंपनी द्वारा की जाएगी।
अधिकारियों ने बताया कि भारतीय वायुसेना के मालवाहक विमानों के पुराने होते बेड़े को बदलने के लिए भारत और भी सी295 विमान खरीदने पर विचार कर रहा है।
एयरबस द्वारा भारतीय वायुसेना (आईएएफ) को पहला विमान सौंपे जाने के बाद पटनायक ने कहा कि सी295 परियोजना केवल विमानों की खरीद से जुड़ा नहीं है, बल्कि यह भारत में विमान विनिर्माण की पारिस्थितिकी तैयार करने के मामले में बहुत अहम है।
उन्होंने कहा, ‘‘हमारे यहां अब भी निजी क्षेत्र में विमान विनिर्माण का परिवेश नहीं है, जबकि दुनिया के सभी प्रमुख देशों में ऐसा है। सी295 परियोजना से भारत में विमान निर्माण का परिवेश तैयार होगा, जो नयी व्यवस्था की शुरुआत होगी।’’
पटनायक परियोजना के समय से क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न हितधारकों से समन्वय कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि विमानन उद्योग की स्थापना से भारत को भविष्य में विभिन्न श्रेणियों के विमान विकसित करने और उनका विनिर्माण करने में मदद मिलेगी।
सी295 को एक बेहतर विमान माना जाता है, जिसका उपयोग 71 सैनिकों या 50 पैराट्रूपर के सामरिक परिवहन के लिए और उन स्थानों पर साजोसामान की आपूर्ति के लिए किया जाता है, जहां वर्तमान में भारी विमान नहीं पहुंच सकते हैं।
पिछले साल अक्टूबर में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वडोदरा में सी295 विनिर्माण केंद्र की आधारशिला रखी थी।
भारतीय वायुसेना छह दशक पहले सेवा में शामिल अपने पुराने मालवाहक विमान एव्रो-748 विमानों को हटाने के लिए सी295 विमान खरीद कर रही है।
पटनायक ने कहा, ‘‘गत कई दशक में हमने बड़ी संख्या में विमान खरीदे, लेकिन देश में विमान विनिर्माण परिवेश तैयार करने की कोशिश नहीं की। इस परियोजना से भारत में विमान विनिर्माण का परिवेश तैयार होगा। इससे देश में ही विमानों का विनिर्माण आसान हो जाएगा।’’
अधिकारियों ने बताया कि भारतीय वायुसेना सी295 विमानों की सबसे बड़ी परिचालक होगी।
भाषा धीरज सुभाष
सुभाष
(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
स्पेन में इस सदी में आई सबसे भीषण बाढ़ का…
4 hours agoखबर संरा अमेरिका उत्तर कोरिया सैनिक
6 hours ago