चुनावों के बीच मोदी सरकार को लग सकता है जोर का झटका, ईरान से तेल खरीदी पर अमेरिका ने चलाया प्रतिबंधों का चाबुक

चुनावों के बीच मोदी सरकार को लग सकता है जोर का झटका, ईरान से तेल खरीदी पर अमेरिका ने चलाया प्रतिबंधों का चाबुक

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  • Publish Date - April 22, 2019 / 04:03 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:54 PM IST

मुंबई । संयुक्त राष्ट्र अमेरिका ने एक बार फिर ईरान से तेल आयात करने पर पाबंदी लगाने की बात कही है। अमेरिका के इस निर्णय का सबसे ज्यादा प्रभाव भारत और चीन पर पड़ेगा। भारत यदि ईरान से तेल खरीदता है तो उसे ईधन अन्य देशों के अपेक्षाकृत सस्ता पड़ता है। भारत से ईरान का आवागमन भी आसान है इसलिए भी तेल की खरीदी अरब देशों के अपेक्षा ज्यादा सुलभ है।

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अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने ऐलान किया है कि जो देश ईरान के साथ तेल खरीदी बंद नहीं करेंगे उन्हें प्रतिबंध झेलना पड़ेगा।इस घोषणा के बाद अब ये बात अब साफ हो गई है कि जो देश ईरान से तेल आयात पूरी तरह बंद नहीं करेगा, उसे वैश्विक बाजार में कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। इससे पहले अमेरिकी विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने वॉशिंगटन पोस्ट को रविवार को बताया था कि अमेरिका 2 मई के बाद किसी भी देश को ईरान से तेल आयात करने की कोई छूट नहीं देगा। बता दें कि पिछले साल नवंबर में अमेरिका ने 8 देशों को ईरान से तेल आयात के बदले अन्य विकल्प तलाशने के लिए 180 दिनों की छूट दी थी, जो 2 मई को पूरी हो रही है। इन आठ देशों में से तीन देश, यूनान, इटली और ताइवान ने पहले ही ईरान से तेल आयात घटाकर शून्य कर लिया है। अन्य पांच देशों में भारत, चीन, तुर्की, जापान और दक्षिण कोरिया शामिल हैं जिन्हें अब ईरान से या तो तेल आयात बंद करना होगा या फिर अमेरिकी प्रतिबंधों का सामना करना पड़ेगा।

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बता दें कि ईरान से सबसे अधिक तेल का आयात चीन और भारत करते हैं। भारत ने पिछली बार भी अमेरिकी प्रतिबंधो को नजरअंदाज कर ईरान से तेल खरीदी जारी रखी थी । हालांकि तब अमेरिका ने भारत के खिलाफ नर्म रुख अख्तियार किया था,लेकिन अब इसके आसार नजर नहीं आ रहे हैं। अब अगर ये भारत 2 मई के बाद भी डोनाल्ड ट्रंप के फैसले के खिलाफ ईरान से तेल का आयात जारी रखता है तो फिर अमेरिका के साथ द्विपक्षीय रिश्तों में खटास आ सकती है।हालांकि भारत अभी भी ये मानकर चल रहा है कि नई सरकार आने तक उसे अमेरिका की तरफ से राहत मिल सकती है।

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वहीं भारत सहित आठ देशों को ईरान से मई से तेल आयात करने में कोई छूट न देने की खबर से सोमवार को घरेलू शेयर बाजार में बड़ी गिरावट दर्ज की गई है। इस खबर से डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट आई और विदेशी निवेश प्रभावित हुआ, जिससे सेंसेक्स लगभग 500 अंक तो निफ्टी 11,600 अंकों के स्तर से नीचे लुढ़क गया