चमगादड़ों में पाया गया ‘नियोकोव’कोरोना वायरस भविष्य में मानव के लिए पैदा कर सकता है खतरा:वैज्ञानिक

चमगादड़ों में पाया गया ‘नियोकोव’कोरोना वायरस भविष्य में मानव के लिए पैदा कर सकता है खतरा:वैज्ञानिक

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  • Publish Date - January 28, 2022 / 06:11 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:58 PM IST

बीजिंग, 28 जनवरी (भाषा) दक्षिण अफ्रीका में चमगादड़ों के बीच फैलने वाला ‘नियोकोव’ कोरोना वायरस यदि और अधिक उत्परिवर्तित हुआ तो यह भविष्य में मानव के लिए खतरा पैदा कर सकता है। चीन के अनुसंधानकर्ताओं ने इस बारे में आगाह किया है।

यह अध्ययन प्रकाशन पूर्व संग्रह कोश बायोआरएक्सआईवी पर हाल में डाला गया है और इसकी समीक्षा की जानी अभी बाकी है। अध्ययन से यह पता चलता है कि नियोकोव ‘मिडिल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम’ (मर्स) से करीबी रूप से संबद्ध है। विषाणु जनित इस रोग की पहली बार 2012 में सऊदी अरब में पहचान की गई थी।

कोरोना वायरस विषाणुओं का एक बड़ा परिवार है, जो सामान्य सर्दी जुकाम से लेकर सार्स जैसे रोग का कारण बन सकता है।

चाइनीज एकेडमी ऑफ साइंसेज और वुहान यूनिवर्सिटी के अनुसंधानकताओं ने यह गौर किया है कि नियोकोव दक्षिण अफ्रीका में चमगादड़ों के समूह में पाया गया है और यह इन जंतुओं में विशेष रूप से फैलता है।

अनुसंधानकर्ताओं ने इस बात का जिक्र किया कि अपने मौजूदा स्वरूप में नियोकोव मानव को संक्रमित नहीं करता है, लेकिन यदि यह और अधिक उत्परिवर्तित हुआ, तो यह संभवत: नुकसानदेह हो सकता है।

अनुसंधानकर्ताओं ने कहा, ‘‘इस अध्ययन में, हमने अप्रत्याशित रूप से पाया कि नियोकोव और इसके करीबी संबंधी पीडीएफ- 2180-कोव, मानव शरीर में प्रवेश करने के लिए कुछ प्रकार के बैट (चमगादड़) एंजियोटेंसिन कंवर्टिंग एंजाइम 2 (एसीई 2) का प्रभावी रूप से उपयोग कर सकते हैं।’’

एसीई 2 कोशिकाओं पर एक रिसेप्टर प्रोटीन है, जो कोरोना वायरस को कोशिकाओं से जुड़ जाने और संक्रमित करने के लिए प्रवेश बिंदु प्रदान करता है।

भाषा

सुभाष दिलीप

दिलीप