नोवेल कोरोना वायरस को पनपने में मददगार मूक उत्परिवर्तनों का पता चला

नोवेल कोरोना वायरस को पनपने में मददगार मूक उत्परिवर्तनों का पता चला

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  • Publish Date - October 19, 2020 / 12:57 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:41 PM IST

वाशिंगटन, 19 अक्टूबर (भाषा) अनुसंधानकर्ताओं ने नोवेल कोरोना वायरस के जेनेटिक कोड के लगभग 30,000 अक्षरों में बड़ी संख्या में मौन उत्परिवर्तनों या प्रकारों का पता लगाया है जिनसे इस विषाणु के चमगादड़ और अन्य वन्यजीवों से मनुष्य में पहुंचने के बाद पनपने में मदद मिली है और अंतत: जिसकी वजह से वैश्विक महामारी फैली।

अनुसंधानकर्ताओं के अनुसार अति सूक्ष्म परिवर्तनों में वायरस का मनुष्य की कोशिकाओं के भीतर उसके आरएनए कणिकाओं या जेनेटिक पदार्थ को बदलना शामिल है।

पत्रिका ‘पीयर जे’ में प्रकाशित अध्ययन से कोविड-19 के उपचार या रोकथाम के लिए नये आणविक लक्ष्य तय किये जा सकते हैं।

अनुसंधानकर्ताओं ने मनुष्यों में सार्स-सीओवी-2 जीनोम में पैदा हुए बदलावों का पता लगाने के लिए सांख्यिकीय पद्धतियों का इस्तेमाल किया लेकिन चमगादड़ों और पेंगोलिनों में पाये गये कोरोना वायरस में ऐसा नहीं किया।

अमेरिका की ड्यूक यूनिवर्सिटी में जीवविज्ञानी ग्रेग रे की प्रयोगशाला में पोस्ट डॉक्टोरल सहायक अलेजांद्रो बेरियो ने कहा, ‘‘हम यह पता लगाने का प्रयास कर रहे हैं कि इस वायरस को किसने इतना अलग बनाया।’’

भाषा

भाषा वैभव उमा

उमा