‘एक राष्ट्र-एक चुनाव’: संसदीय समिति के समक्ष विचार साझा करेंगे पूर्व प्रधान न्यायाधीश ललित

‘एक राष्ट्र-एक चुनाव’: संसदीय समिति के समक्ष विचार साझा करेंगे पूर्व प्रधान न्यायाधीश ललित

‘एक राष्ट्र-एक चुनाव’: संसदीय समिति के समक्ष विचार साझा करेंगे पूर्व प्रधान न्यायाधीश ललित
Modified Date: February 17, 2025 / 08:01 pm IST
Published Date: February 17, 2025 8:01 pm IST

नयी दिल्ली, 17 फरवरी (भाषा) उच्चतम न्यायालय के पूर्व प्रधान न्यायाधीश यूयू ललित 25 फरवरी को ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ संबंधी संसदीय समिति के सामने उपस्थित होकर अपने विचार साझा करेंगे।

समिति विशेषज्ञों और विभिन्न हितधारकों से परामर्श की प्रक्रिया शुरू करने जा रही है।

सूत्रों ने बताया कि विधि आयोग के पूर्व अध्यक्ष ऋतुराज अवस्थी, लोकपाल के न्यायिक सदस्य, वरिष्ठ अधिवक्ता और 2015 में एक संसदीय समिति का नेतृत्व करने वाले पूर्व कांग्रेस सांसद ईएम सुदर्शन नचियप्पन, पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के नेतृत्व वाली समिति के सचिव आईएएस अधिकारी नितेन चंद्रा के भी समिति के साथ अपने विचार साझा करने की संभावना है।

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आगामी 25 फरवरी की बैठक के लिए संसदीय समिति के एजेंडे को संक्षेप में ‘‘कानूनी विशेषज्ञों के साथ बातचीत’’ के रूप में सूचीबद्ध किया गया है।

‘‘एक राष्ट्र एक चुनाव’’ पर मोदी सरकार द्वारा पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया था और इसने अपनी विशाल रिपोर्ट में इस अवधारणा की जोरदार पैरवी की है।

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने समिति की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया था। सरकार ने लोकसभा में दो विधेयक पेश किए, जिनमें संविधान में संशोधन का प्रावधान शामिल है।

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने भाजपा सांसद और पूर्व कानून राज्य मंत्री पीपी चौधरी की अध्यक्षता में संसद की 39 सदस्यीय संयुक्त समिति का गठन किया था।

इस संसदीय समिति की अब तक दो बैठकें हो चुकी हैं, जिसमें उसने अपने एजेंडे का विस्तृत विवरण, हितधारकों और विशेषज्ञों की सूची तैयार की है।

भाषा हक

हक नरेश

नरेश


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